गत नवंबर तक जयपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ। इसमें पूरे देश से कुल 1,485 प्रतिनिधि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इनमें 986 छात्र, 344 छात्राएं तथा 129 प्राध्यापक कार्यकर्ता एवं 4 अन्य कार्यकर्ता थे। इसके अलावा मित्र देश नेपाल से भी 22 अतिथि सम्मिलित हुए। विशेष बात यह रही कि अधिवेशन में मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, अंदमान निकोबार, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख से भी कार्यकर्ता आए।
अधिवेशन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे योग गुरु स्वामी रामदेव। दूसरे दिन (26 नवंबर) जयपुर शहर में शोभायात्रा निकाली गई। इसमें कार्यकर्ताओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। इसके बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही की उपस्थिति में राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल एवं अन्य छात्र नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अधिवेशन के समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। इस अवसर पर महाराष्टÑ के युवा समाजसेवी नन्द कुमार पालवे को प्रो. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अधिवेशन में अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने ‘स्वावलंबी भारत में युवाओं की भूमिका’ तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री मुकुंद जी ने ‘वैचारिक विमर्श स्थापित करने में अभाविप की भूमिका’ विषय पर मार्गदर्शन किया। अधिवेशन के अंतिम दिन परिषद की नवीन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई। अधिवेशन में शिक्षा, समाज एवं आंतरिक सुरक्षा से संबंधित पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।
टिप्पणियाँ