वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर से जुड़ी एक खास याचिका पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। मां श्रृंगार गौरी केस के साथ ही ज्ञानवापी से जुड़े अन्य 6 केस को एक साथ सुनने के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 7 दिसम्बर निर्धारित की।
मां श्रृंगार गौरी केस मामले में ज्ञानवापी परिसर में तहखाने को तोड़कर और मलबे को हटाकर एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर भी जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के निर्देश पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई के बाद अगली तिथि 23 जनवरी तय की। ज्ञानवापी परिसर में तहखाने को तोड़कर व मलबे को हटाकर कोर्ट कमीशन की कार्रवाई बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर प्रतिवादी पक्ष ने आपत्ति दाखिल की है। वादी पक्ष को प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत ने 11 नवंबर की तिथि तय की थी। इस बीच वादी अधिवक्ता के हाई कोर्ट में जाने पर ऊपरी अदालत के आदेश के अनुपालन में 5 दिसम्बर की तिथि सुनवाई के लिए तय हुई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई के दौरान अदालत में 48 लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई।
सभी लम्बित सात अलग – अलग दावों (मुकदमों) को एक साथ सुनने की याचिका मां श्रृंगार गौरी केस की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक और मंजू व्यास की ओर से अपने अधिवक्ताओं के जरिये दाखिल की गई है। इस याचिका के समर्थन में मां श्रृंगार गौरी केस की ही एक अन्य वादिनी दिल्ली की राखी सिंह नहीं है। ज्ञानवापी परिसर का कब्जा भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग वाले मुकदमे को सिविल जज की कोर्ट से वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग सबसे पहले की गई थी। उसके बाद इससे जुड़े अन्य केस को भी मां श्रृंगार गौरी केस के साथ ही सुनने की मांग की गई।
इस मामले में पिछली सुनवाई पर भगवान आदि विश्वेश्वर की तरफ से वादिनी किरन सिंह विसेन के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने आपत्ति दाखिल करने के लिए आवेदन की प्रति नहीं मिलने की बात अदालत में कही थी। इसके बाद वादी चारों महिलाओं की तरफ से उनके अधिवक्ता ने एक साथ सुनवाई से जुड़े प्रार्थना पत्र की प्रति उपलब्ध कराई थी। इस याचिका पर किरन सिंह विसेन की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने आपत्ति दाखिल कर दी है। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने दावों की प्रति प्रतिवादी पक्ष को देने का आदेश भी दिया था।
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