मानवीय मूल्यों और लोकतांत्रित सिद्धांतों का गला घोंटने वाली अफगानिस्तान की कट्टर इस्लामी तालिबान हुकूमत अगर इन्हीं दोनों पलहुओं की दुहाई दे तो बात हजम हो ही नहीं सकती। काबुल से आई ताजा खबर बताती है कि तालिबान लड़ाकों की सरकार ने अपने यहां ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ का प्रसारण रोक दिया है। तालिबान ने इस मीडिया संस्थान पर आरोप लगाया है कि वह पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही थी।
वॉयस ऑफ अमेरिका के अधिकारियो ने अपनी तरफ से इस जानकारी की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अफगानिस्तानी सूचना तथा संस्कृति मंत्रालय के एक नए फरमान ने संस्थान के प्रसारणों पर रोक लगा दी है। यह रोक एक दिसंबर से प्रभावी हो गई है। इससे पहले अफगान अधिकारियों ने वॉइस ऑफ अमेरिका के आशना टीवी के नाम से चलने वाले कार्यक्रम को मार्च के आखिरी हफ्ते में प्रतिबंधित कर दिया था। यह कार्यक्रम स्थानीय टोलो टीवी, टोलो न्यूज और लैमर टीवी चैनलों पर दिखाया गया था।
काबुल में तालिबान सरकार ने ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ सहित ‘रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी’ के एफएम प्रसारणों पर कल एक आदेश के जरिए रोक लगाई है। ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और आरएफई चलते तो अमेरिका की सरकार के पैसे से हैं, लेकिन दावा पत्रकारिय आजादी का करते हैं।अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय की ओर से रेडियो प्रसारण पर नजर रखने वाले अधिकारी अब्दुल हक हम्माद ने खुद ट्वीट करके इस प्रतिबंध के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी है। हम्माद ने ट्वीट में लिखा है, ”अमेरिकी कब्जे के बाद, रेडियो प्रसारण आरम्भ करने वाले रेडियो लिबर्टी (आरएल) को पत्रकारिता के कायदों का अनुपालन न करने की वजह से देश के 13 प्रांतों में प्रतिबंधित किया गया है”।
इधर वॉयस ऑफ अमेरिका के अधिकारियों ने अपनी तरफ से इस जानकारी की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अफगानिस्तानी सूचना तथा संस्कृति मंत्रालय के एक नए फरमान ने संस्थान के प्रसारणों पर रोक लगा दी है। यह रोक एक दिसंबर से प्रभावी हो गई है। इससे पहले अफगान अधिकारियों ने वॉइस ऑफ अमेरिका के आशना टीवी के नाम से चलने वाले कार्यक्रम को मार्च के आखिरी हफ्ते में प्रतिबंधित कर दिया था। यह कार्यक्रम स्थानीय टोलो टीवी, टोलो न्यूज और लैमर टीवी चैनलों पर दिखाया गया था।
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