उत्तराखंड : विधानसभा ने पारित किया धर्मांतरण विधेयक, बनेगा सख्त कानून
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड : विधानसभा ने पारित किया धर्मांतरण विधेयक, बनेगा सख्त कानून

"पाञ्चजन्य" ने सबसे पहले उठाया था, उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन और धर्मांतरण का मुद्दा

by दिनेश मानसेरा
Dec 1, 2022, 08:33 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

उत्तराखंड की विधानसभा ने ऐतिहासिक धर्मांतरण विधेयक को पास कर दिया है। राज्य की धामी सरकार ने पिछले हफ्ते ही अपनी कैबिनेट में इस विधेयक को मंजूरी दी थी और उसे तुरंत ही विधानसभा सत्र में रख दिया है, जिसपर विधायको ने अपनी मंजूरी दे दी।

धर्मांतरण विधयेक पास होने के बाद, राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए जायेगा फिर इसे राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।इस कानून के बन जाने से उत्तराखंड की हिंदू देव संस्कृति का संरक्षण किया जा सकेगा।

धर्मांतरण विधेयक पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “पाञ्चजन्य” से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड को देव भूमि माना जाता रहा है किंतु कुछ समय से यहां हिंदू धर्म के जनजाति समाज, वंचित समाज के लोगो के बीच धर्मांतरण कराने के षडयंत्र रचे जा रहे थे, हमारा राज्य सीमांत राज्य भी है हमे राज्य के भविष्य की चिंता है यहां के लोगो की चिंता है, इस लिए धर्मांतरण कानून बनाया जा रहा है।श्री धामी कहते है कि हम इस बात के लिए भी चिंता कर रहे है कि यहां कुछ जिलों में जनसंख्या असंतुलन के विषय भी है, इसके लिए हम सशक्त भू कानून और समान नागरिक संहिता विधेयक भी जल्द लाने जा रहे है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि धर्मांतरण कानून की राज्य को सख्त जरूरत थी, मुस्लिम लव जिहाद, ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्रों से इस कानून के बन जाने से रोक लग सकेगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष कहते है कि बीजेपी राज्य की धर्म संस्कृति के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है।

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य एवं अयोध्या राम मंदिर के मुख्य ट्रस्टी स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने उत्तराखंड में धामी सरकार के धर्मांतरण कानून बनाए जाने के  फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए पूरे देश के राज्यों को ऐसी पहल करने की अपील की है।

क्या क्या है धर्मांतरण विधेयक के मुख्य बिंदु

उत्तराखंड विधानसभा ने को सख्त प्रावधानों वाला धर्मांतरण रोधी संशोधन विधेयक पारित कर दिया है, जिसमें इसे गैर-जमानती अपराध माना गया है। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए तीन साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। वहीं इस संशोधन के बाद अपराध करने वाले को कम से कम 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान भी करना भी पड़ सकता है जो पीड़ित को दी जाएगी।

पहले जो विधेयक था उसमे सात साल की सजा का प्रावधान था जिसे बढ़ा कर्णदास किया गया हैं।उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। दरअसल पूर्व में त्रिवेंद्र सरकार ने भी इसी तरह का बिल विधानसभा में पास किया था, किंतु उसमे कई खामियां थी जिसकी वजह से उसको राष्ट्रपति तक नही भेजा जा सका।

नए बिल में धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को पूर्व में मिली आरक्षण और अन्य सुविधाओं से वंचित किया जायेगा। यदि कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उन्हे डीएम के यहां एक माह पूर्व प्रार्थना पत्र देना होगा।

क्यों जरूरत पड़ी धर्मांतरण कानून की ?

उत्तराखंड में मैदानी जिलों में महाराणा प्रताप वंशज राणा थारू बुक्सा जन जाति रहती है जिनमे ईसाई मिशनरियां सक्रिय रहती है और माना जा रहा है कि इनकी 35 फीसदी आबादी ईसाई हो चुकी है।इसके साथ साथ राय सिखो ,वाल्मीकि,अंबेडकरवादी समाज में भी ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण षडयंत्र चल रहे है।

उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर और पौड़ी जिले में मुस्लिम आबादी पांव पसार रही है जिसकी वजह से लव जेहाद के मामले भी तेजी से बढ़ रहे है।

“पाञ्चजन्य” ने सबसे पहले उठाया था जनसंख्या असंतुलन और धर्मांतरण का मुद्दा

उत्तराखंड राज्य बने 22 साल हो गए और यहां दो सामाजिक बड़ी सामाजिक समस्याओं की तरफ पाञ्चजन्य ने सबसे पहले सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था, ये दो समस्याएं है, राज्य में बढ़ रही मुस्लिम आबादी जोकि देश में असम के बाद सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी है। चार मैदानी जिलों में ये आबादी तीस से पैंतीस प्रतिशत तक हो गई है।जबकि जा राज्य बना था तब ये यहां मुस्लिम जनसंख्या दस से चौदह प्रतिशत ही थी।

इसी तरह ईसाई आबादी भी तेजी से बढ़ी और इसके पीछे धर्मांतरण ही प्रमुख वजह है। उत्तराखंड की तरह पड़ोसी राज्य हिमाचल भी है जहां राज्य गठन के समय मुस्लिम आबादी दो फीसदी ही थी और आज भी उसी के आसपास है। हिमाचल में ऐसा सशक्त भू कानून है कि बाहरी राज्य का व्यक्ति वहां स्थाई रूप से बस नही सकता है।इन्ही मुद्दो पर “पाञ्चजन्य” ने बार बार अपने लेखों में उत्तराखंड सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाया है।

राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता और सशक्त भू कानून बिल के मसौदे को तैयार करने के लिए अलग अलग विशेषज्ञ समितियों का गठन किया हुआ है जोकि राज्य की जनता से भी राय मशविरा कर रही है। सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि जल्द ही ये दोनो विधेयक भी विधानसभा में रखे जाएंगे।

  • 1. यह उत्तराखण्ड में होने वाले किसी भी अवैध धर्मांतरण को रोकेगा,
  • 2. दबाव, लालच, बलपूर्वक, धोखाधड़ी एवं अयुक्त प्रभाव आदि से होने वाले धर्मांतरण को रोकेगा,
  • 3. लव जिहाद जैसे मामले को रोकेगा,
  • 4. केवल विवाह के लिये किये जाने वाला धर्म परिवर्तन अवैध होगा एवं सजा भी होगी,
  • 5.धर्मांतरण करने हेतु प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है और 30 दिन का पूर्व नोटिस आवश्यक होगा, जिलाधिकारी के यहां प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर भी विवाह अवैध होगा एवं कानूनी कार्यवाही भी होगी,
  • 6. ये कानून अवैध धर्मांतरण करने वाले लोग या संस्थाओं के ऊपर भी कार्यवाही का प्रावधान करता है,
  • 7. अवैध धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को मिलने वाले देशी विदेशी चंदे पर रोक लगाएगा।
  • 8. ये कानून अवैध धर्मांतरण को गैर जमानती अपराध बनाता है,
  • 9. एससी, एसटी, महिला एवं नाबालिक के अवैध धर्मांतरण पर अधिक सजा का प्रावधान,
  • 10. उत्तराखंड ये कानून देश का सबसे प्रभावशाली एवं सख्त कानून में से एक है,जो धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।

Topics: uttarakhand newsउत्तराखंड समाचारउत्तराखंडUttarakhandConversion in UttarakhandConversion Billधर्मांतरण विधेयकउत्तराखंड में धर्मांतरण कानूनConversion Law in UttarakhandConversion Bill in Uttarakhand
Share64TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

प्रतीकात्मक तस्वीर

उधम सिंह नगर जिले में बनभूलपुरा की तरह पनप रही अवैध बस्तियां

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies