केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सिनेमा की उत्कृष्टता का जश्न मनाने के साथ ही भारतीय फिल्म उद्योग के लिए वैश्विक स्तर पर एक सहयोगी तंत्र विकसित करना चाहते हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर फिल्म समारोह के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वे भारत को ‘ग्लोबल कंटेंट हब’ के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य एशिया के सबसे बड़े फिल्म महोत्सव को सामग्री निर्माण, फिल्म निर्माण और शूटिंग के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हम भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सिनेमा की उत्कृष्टता का जश्न मनाने के साथ ही भारतीय फिल्म उद्योग के लिए वैश्विक स्तर पर एक सहयोगी तंत्र विकसित करना चाहते हैं।
इस साल 80 से अधिक देशों को अपनी फिल्में दिखाने का मौका मिला है। इफ्फी में न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का, बल्कि ओटीटी सीरीज का भी भव्य प्रीमियर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महोत्सव में महिला फिल्म निर्माताओं की हिस्सेदारी बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गई है। यह चलन दर्शाता है कि भारत ने जिस इफ्फी मंच का गठन किया है, उसके जरिये दुनिया अपने काम को दिखाना चाहती है। वहीं, इस मंच से भारत को भी अपनी फिल्में दुनिया को दिखाने का अवसर मिलेगा। इस मंच पर क्षेत्रीय सिनेमा को भी समान अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जीवन में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए हमने तकनीक को समारोह का हिस्सा बनाना सुनिश्चित किया है। अगले साल तक सब कुछ दोगुना बड़ा होगा। क्षेत्रीय और युवा प्रतिभाओं की भागीदारी पर उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित ज्यूरी ने अभिनय, निर्देशन, संपादन, पार्श्व गायन, पटकथा लेखन और एनिमेशन सहित 10 श्रेणियों की लगभग 1,000 प्रविष्टियों में से ‘75 क्रिएटिव माइंड्स आफ टुमॉरो’ के दूसरे संस्करण का चयन किया है। इसमें एक निर्माता महज 18 वर्ष का है। आम तौर पर जिन्हें आसानी से किसी बड़े फिल्म निर्माता या दूसरी फिल्मी हस्तियों से मिलने का मौका नहीं मिलता, जो ऐसे युवाओं का मार्गदशन करतीं। आज वे न केवल उनसे मिलेंगे, बलिक उनसे सीख कर अपनी पहचान भी बनाएंगे। इफ्फी ने फिल्में देखने के विविध अनुभव के मामले में भाषा की बाधाओं को भी तोड़ने का प्रयास किया है। हर दर्शक को फिल्म देखने के लिए हेडफोन और भाषा चुनने का विकल्प दिया जाएगा। उपशीर्षक उनके द्वारा चुनी गई भाषा के अनुसार समायोजित किए जाएंगे।
दक्षिण बनाम बॉलीवुड बहस पर उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीक के कारण फिल्मों की क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय श्रेणियों के बीच की रेखाएं धुंधली हो गई हैं। अब जो भी फिल्म बनेगी, उसे अंतरराष्ट्रीय नजरिए से देखा जा सकता है। इस बार इफ्फी विशेष रूप से तैयार प्रमुख मणिपुरी फीचर फिल्मों और गैर-फीचर फिल्मों को प्रदर्शित कर मणिपुरी सिनेमा की स्वर्ण जयंती मनाएगा। साथ ही, इस बार फिल्म बाजार के महत्व की ओर भी ध्यान दिलाया है। पहली बार इफ्फी ने कंट्री पवेलियन की शुरुआत से फिल्म बाजार का दायरा बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए इस श्रेणी की फिल्में आडियो-विजुअल सुविधाओं से लैस होंगी, जिसमें आडियो विवरण और सबटाइटल शामिल होंगे।
टिप्पणियाँ