देश में जहां मातृ मृत्यु दर(एमएमआर) में 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है वहीं, आठ राज्यों में एमएमआर यह 70 प्रति लाख से भी कम दर्ज हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) के तहत साल 2030 तक मातृ मृत्यु दर 70 प्रति लाख प्रसव से कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इन राज्यों में केरल (19), महाराष्ट्र (33), तेलंगाना (43), आंध्र प्रदेश (45), तमिलनाडु (54), झारखंड (56), गुजरात (57) और कर्नाटक (69) शामिल हैं। पहले ऐसे राज्यों की संख्या छह थी जो अब बढ़कर आठ हो गई है।
बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि देश ने एक नया मील का पत्थर हासिल किया गया है और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज हुई है। उन्होंने इस उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार निरंतर प्रयास कर रही है । पूरे देश के साथ साथ, गुजरात में भी मातृ मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है। साल 2011-13 में जहां एमएमआर 112 थी जो अब घटकर 57 दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में महत्वपूर्ण गिरावट आई, साल 2014-16 में प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर 130 था जो घटकर साल 2018-20 में 97 दर्ज किया गया है।
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