भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र देकर कहा है कि मजहबी स्वतंत्रता के अधिकार में लालच, धोखे, जालसाजी के माध्यम से किसी का कन्वर्जन करना शामिल नहीं है।
लोभ—लालच देकर कन्वर्जन कराने वालों के विरुद्ध भारत सरकार कड़े कदम उठाने वाली है। बता दें कि 28 नवंबर को केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक शपथपत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि जबरन कन्वर्जन का मामला गंभीर है और इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। यह भी कहा है कि इस पर रोक लगाने के लिए राज्यों में उचित कानून बनाने की आवश्यकता है। विशेषकर महिलाओं, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और कमजोर तबके के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की जरूरत है।
शपथपत्र में केंद्र सरकार ने यह भी बताया है कि जबरन कन्वर्जन पर रोक लगाने के लिए बीते वर्षों में ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा ने कानून बनाए हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि मजहबी स्वतंत्रता के अधिकार में लालच, धोखे, जालसाजी के माध्यम से किसी का कन्वर्जन करना शामिल नहीं है।
बता दें कि कुछ दिन पहले अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने केंद्र और राज्यों को डराने, धमकाने और प्रलोभन के जरिए हो रहे कन्वर्जन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
इससे पहले 11 नवंबर को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय में एक शपथपत्र दिया था। इसमें कहा गया है कि जो हिंदू ईसाई या मुसलमान बन गए हैं उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। यह शपथपत्र एक गैरसरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ की एक याचिका पर दिया है। इस संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मांग की है कि मुस्लिम या ईसाई मत स्वीकारने वाले दलितों और जनजातियों को भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण और अन्य सुविधाएं दी जाएं, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े संगठनों ने ऐसी मांगों का विरोध किया है। इन संगठनों का कहना है कि ईसाई या मुस्लिम बने लोग अपने पुरखों के धर्म को छोड़कर कथित छुआछूत और उत्पीड़न के दायरे से बाहर निकल गए हैं। इसलिए ऐसे लोगों को आरक्षण न दिया जाए।
विशेषज्ञ इन दोनों शपथपत्रों का सार यह निकाल रहे हैं कि आने वाले समय में भारत सरकार जबरन कन्वर्जन को रोकने के लिए और जो लोग कन्वर्ट होकर ईसाई या मुसलमान बन गए हैं, उन्हें सरकारी सुविधाओं से बाहर करने के लिए कानून बनाने वाली है।
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