काशी-तमिल संगमम समारोह में आयोजित शैक्षणिक सत्र में वक्ताओं ने काशी और तमिलनाडु के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर खुलकर चर्चा की। मुख्य अतिथि तेलंगाना की राज्यपाल और पुद्दुचेरी की लेफ्टनेंट गर्वनर डॉ तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि काशी-तमिल संगमम समारोह के जरिए उत्तर और दक्षिण की संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है, जो अदभुत और अनूठा है। बीएचयू के एम्फीथियेटर मैदान में आयोजित कार्यक्रम में डॉ तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की जो परिकल्पना की है, उसका सबसे बड़ा उदाहरण काशी-तमिल संगमम है, जिसमें उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि काशी और तमिल के बीच सदियों पुराना संबंध रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे नया स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि बीएचयू में महान कवि सुब्रमण्यम भारती की लोकप्रियता देखने को मिली। निजी अनुभवों का जिक्र करते हुए डॉ तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि, मैं 20 साल बाद काशी आई हूं। मैंने यहां गंगा और शहर को नजदीक से देखा। दोनों ही स्वच्छ हैं।
डॉ तमिलिसै सौंदरराजन ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से उत्तर और दक्षिण दोनों संस्कृतियां भाषाएं परंपराएं आपस में मिल रही हैं। जैसा कि हमारे तमिलनाडु में “तेन काशी और शिव काशी” जैसे शहर हैं। और पुडुचेरी में भी काशी विश्वनाथ मंदिर है और आपको जानना चाहिए तमिलनाडु के अनेक गांव में काशी विश्वनाथ के मंदिर बने हुए हैं। यह तमिलनाडु और काशी एक दूसरे से अच्छी तरह से आपस मे जुड़े हुए हैं।
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