अफ्रीकी देश नाइजीरिया में जिहादी आतंकियों के ताजा कत्लेआम की खबर ने आतंकवाद को जड़ से मिटाने की कसमें खाने वाले देशों को हिलाकर रख दिया है। वहां एक या दो नहीं, पूरे 14 गांवों में जबरदस्त लूटमार के बाद 15 लोगों के गले रेत कर हत्या कर दी गई। घरों को जलाकर गांववालों को दरबदर कर दिया गया। इस्लामी जिहादियों ने यह हिंसक हमला खासतौर पर वहां के इगुनु लोगों के विरुद्ध बोला है।
अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मरने वाले 15 लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। नाइजीरिया में एक लंबे समय से इगुनु समुदाय इस्लामी जिहादियों के निशाने पर बना रहा है। लेकिन वहां की सरकार द्वारा इस समुदाय की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
बताया जाता है कि यह हमला फुलानी मुस्लिमों के आतंकी गुट द्वारा बोला गया था। उन्होंने एक तरह से गैर मुस्लिम अधिकांशत: ईसाई समुदाय इगुनु के विरुद्ध हथियार उठाए हुए हैं। कुछ कुछ दिन बाद फुलानी आतंकी मोटरसाइकिलों पर सवार होकर इगुनु गांवों में आ धमकते रहे हैं और अंधाधुंध गोलियां दागकर लोगों की जान लेते रहे हैं। फुलानी आतंकी गुट अधिकांशत: चरवाहा समाज वालों का है।
नाइजीरिया से आए समाचारों के अनुसार, जिहादियों ने यह हमला चार—पांच दिन पहले बोला था। दो दिन तक जारी इस हिंसक कार्रवाई में अगु-अमेद गांवों पर कहर बरपाया गया था। इस आतंकी हमले में अनेक महिलाएं और बच्चे भी मारे गए हैं। अभी तक कुल 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो पाई है। हमलावर जिहादियों ने कई गांव भी लूटे और वहां ज्यादातर घरों को जलाकर खाक कर दिया। पिछले कुछ वर्षों में जिहादियों ने लाखों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
पता यह भी चला है कि जिहादी अपने साथ अनेक महिलाओं और बच्चों को अगवा करके ले गए हैं। बताया जाता है कि अपह्रत बच्चों के बदले ये मोटी फिरौती वसूलते हैं। हमलावर जिहादियों की संख्या सौ से ज्यादा बताई जा रही है। 19 और 20 नवम्बर को इन्होंने अगु-अमेद समुदाय के ओहुलु मग्बेडे गांव पर हमला बोला था जहां कुल 8 लोगों की हत्या की, जिनमें दो बच्चे भी थे।
जिहादी हमले के बारे में स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि ओगबू फ्रांसिस का कहना है कि हथियारबंद जिहादी 22 नवंबर की सुबह फिर वापस लौटे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। वहां आगजनी करके गांव पूरी तरह नष्ट कर दिए। ओगबू ने बताया कि अगु-अमेद लोगों के ओहुलु मगबेडे गांव में हमलावरों ने 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
इसी तरह साइप्रियन एज़ेदेओगा का कहना है कि जिहादियों ने मग्बुजी तथा एबोह शहरों में धावा बोला था। उनके पास मशीनगन थीं और अन्य आधुनिक हथियार भी थे। एजेदेओगा ने कहा कि उनके गांव के लिए किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं है, न सेना उन्हें सुरक्षा देती है और न पुलिस। इसी तरह एबोह और मग्बुजी गांवों में भी क्रमश: 10 और 5 लोगों की हत्या की गई है।
मरने वालों की लाशें देखकर साफ होता है कि इस्लामी जिहादियों उनकी हत्या की है। कई मरने वालों के गले रेत कर सिर धड़ से अलग कर दिए गए थे। कई के सिर में चाकू गोदने के निशान देखे गए हैं।
एक गांव वाले ने दुखी होकर कहा कि हमारे लोगों के पास कोई हथियार नहीं हैं, वे खाली हाथों से आतंकियों का मुकाबला नहीं कर सकते, जिनके पास एके-47 राइफलें तक होती हैं। वे आते हैं और बस गोलियां बरसाने लगते हैं। सरकार भी इन इस्लामी आतंकियों से हमारी रक्षा करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
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