झारखंड में ऐसा कोई डॉक्टर है जो रिम्स का 'इलाज' कर सके?
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत झारखण्‍ड

झारखंड में ऐसा कोई डॉक्टर है जो रिम्स का ‘इलाज’ कर सके?

by रितेश कश्यप
Nov 25, 2022, 03:38 pm IST
in झारखण्‍ड
राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स)

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) आजकल काफी चर्चा में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हाल के कई मामलों में झारखंड उच्च न्यायालय ने रिम्स प्रशासन और झारखंड सरकार को काफी खरी-खोटी सुनाई है। इसके साथ ही कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इस अस्पताल की यह स्थिति हो गई है कि अब इसे खुद ही इलाज की आवश्यकता पड़ रही है।

रिम्स में कुव्यवस्था

एक जानकारी के अनुसार  रिम्स में प्रतिदिन जितने मरीज पहुंचते हैं उनमें से आधे मरीजों के इलाज की व्यवस्था सही से नहीं हो पाती है। इलाज के लिए उपयोग में आने वाली मशीनें महीनों तक खराब रहती हैं। इस कारण मरीजों को बाहर निजी संस्थानों में इलाज कराना पड़ता है, जो काफी महंगा साबित होता है। आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि  रिम्स में सिर्फ एक एमआरआई मशीन है, वह भी पिछले 3 महीने से खराब है। इस कारण संबंधित मरीजों को बाहर एमआरआई करवाना पड़ता है, जिसका खर्च  7000 से 8000 रुपए तक है। ऐसे में गरीब मरीजों का क्या होता होगा, यह कहने की बात नहीं है। मशीनों के साथ-साथ रिम्स के अंदर चिकित्सक, नर्स, दवाइयां और बेड की भी भारी कमी  है।  उदाहरण के तौर पर न्यूरो विभाग में मात्र 100 बेड हैं, जबकि वर्तमान में 250 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इसके साथ ही उस विभाग में मात्र 5 चिकित्सक हैं। अब आप अन्य विभागों की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। बता दें कि रिम्स का निर्माण 60 वर्ष पूर्व हुआ था लेकिन आज झारखंड की आबादी पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुकी है। उस हिसाब से यहां पर चिकित्सक, नर्स और दवाइयों की उपलब्धता नहीं हो पाती है।

 चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर भी उच्च न्यायालय ने लगाई फटकार

इन सबके बाद रिम्स के अंदर कई बार यह देखने को मिला है कि मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे कहा जाता है कि वहां के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं इसीलिए वे लोग चाहते हैं कि मरीज उनके निजी अस्पताल में आएं और अपना इलाज करवाएं। इस पर भी झारखंड उच्च न्यायालय ने रिम्स प्रशासन और सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि जब सरकार ने निजी प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने के लिए समिति बनाई है तो इसके बाद भी वह समिति आखिर कर क्या रही है। अदालत ने यह भी कहा है कि रिम्स का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को होना चाहिए जिसका पूर्ण नियंत्रण रिम्स की सारी व्यवस्था पर हो।

रिम्स में नियुक्तियों पर भी न्यायालय ने उठाया सवाल

अभी हाल ही में झारखंड सरकार और रिम्स प्रशासन की ओर से 467 चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति की जानी थी, लेकिन यह मामला फंस गया है।  इस नियुक्ति के विज्ञापन में कहा गया कि वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो झारखंड के नागरिक होंगे। मामला उच्च न्यायालय चला गया और नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई। उच्च न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि नागरिक कभी भी देश का होता है, राज्य का नहीं। इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी पूछा कि किस कानून, परिनियम, सर्कुलर या सरकार के किस आदेश के तहत आवेदन मांगा गया है और सभी पद झारखंड के लोगों के लिए कैसे आरक्षित कर दिया?

सूत्रों से यह भी पता चला है कि कई बार रिम्स में नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकाले जाते हैं लेकिन बड़े-बड़े नेता और रिम्स के बड़े-बड़े अधिकारी पैसे लेकर अपने लोगों की नियुक्ति करवा देते हैं। वहीं  जो लोग नौकरी के असल हकदार हैं उनकी बलि चढ़ जाती है। वही लोग अंत में न्यायालय की शरण में जाते हैं जिससे नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। हाल ही में उच्च न्यायालय ने रिम्स प्रशासन को आदेश दिया था कि रिम्स में सभी नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के बजाय नियमित होगी। इसके बाद भी रिम्स प्रशासन ने कई नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के माध्यम से निकाली। इस पर भी उच्च न्यायालय ने रिम्स प्रशासन से पूछा है कि उनके खिलाफ अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाया जाए?

अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई फटकार का सरकार और रिम्स प्रशासन पर कितना असर डालता है। आने वाले दिनों में रिम्स प्रशासन अपनी गलतियों को सुधारता है या एक बार फिर से अदालत को खुद संज्ञान लेना पड़ता है।

Topics: Jharkhand Newsrims ranchijharkhand high court
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Punjab liquor policy case

झारखंड शराब नीति पर क्यों गरमाई सियासत

रामगढ़ में हुई पत्थरबाजी में घायल युवती, दाईं ओर थाने में दिया गया आवेदन

सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन करने जा रहे हिंदुओं पर हुई पत्थरबाजी

Jharkhand rape and murder case of tribal girl

Jharkhand rape and murder: खतरे में वनवासी युवतियां, क्यों उबल रहा गोड्डा?

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाबालिग हिंदू लड़की को अगवा कर निकाह करने वाला शमशाद शेख गिरफ्तार, पिछले डेढ़ साल से कर रहा था यौन शोषण

‘वोटबैंक के लिए घुसपैठ को बढ़ावा देती रही हेमंत सोरेन सरकार’

झारखंड : भाजपा के पक्ष में चल रही प्रचंड आंधी, सरकार बनने पर दिलाएंगे भ्रष्टाचारियों को कड़ी सजा – नरेन्द्र माेदी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies