ईसाई मिशनरियों ने अपने कन्वर्जन अभियान के स्वरूप को इन दिनों बदल दिया है। मिशनरियां अब लोगों को चर्च बुलाकर ब्रेन वॉश नहीं करते, बल्कि वंचित बस्तियों के बीच एक घर में जाकर प्रार्थना सभाएं कर लोगों को हिंदू धर्म छोड़ ईसाई अपनाए जाने के लिए प्रलोभन देते हैं।
यूपी के सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर आदि शहरों में ऐसे मामले सामने आए हैं। ताजा मामला बरेली शहर का है, जहां सुभाष नगर क्षेत्र में एक घर में प्रार्थना सभा के नाम पर मतांतरण कराया जा रहा था। सूचना मिलने पर हिंदू संगठन के लोगों ने वहां पहुंचकर हंगामा किया।
जानकारी के मुताबिक योगी सेना के जिलाध्यक्ष हिमांशु पटेल उनके समर्थक अरविंद पटेल, राजीव, के शंखधार और प्रीति आर्या, विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं के साथ सुभाष नगर के वंशीनगला में भगवान दास के घर पहुंचे। हिमांशु पटेल ने बताया कि उन्हें खबर मिली थी कि भगवान दास के घर में ईसाई मिशनरी के पादरी मतांतरण करा रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से भगवान दास, प्रेरणा सिंह, सुनीता, सीता, पवन कुमार और जानकी प्रसाद शामिल हैं।
हिमांशु पटेल ने बताया कि जब मौके पर पहुंच कर देखा तो मकान बाहर से बंद था। अंदर अनेक महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को प्रलोभन देकर ईसाई पंथ में आने के लिए कहा जा रहा था। कई लोगों के हाथ में बाइबल के साथ ही ईसाई पंथ से जुड़ी सामग्री थी। आरोप है कि इस बाबत पूछने पर मिशनरी के लोगों ने गालीगलौज शुरू कर दी। हमारे कार्यकर्ता शंखधार ने विरोध किया तो उनके साथ धक्का-मुक्की कर जान से मारने की धमकी दी।
हिमांशु पटेल का कहना है कि मिशनरी प्रचारकों द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर भी अभद्र टिप्पणी की गई। ईसाई समुदाय का मिशनरी कार्यक्रम बिना प्रशासनिक अनुमति के चल रहा था। इस मामले में सुभाष नगर पुलिस को तहरीर दी गई है, जिसमें भगवान दास, प्रेरणा सिंह, सुनीता, सीता, पवन कुमार और जानकी प्रसाद को नामजद किया गया है। हिंदू संगठनों ने पुलिस से धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कारवाई करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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