श्रद्धा हत्याकांड पर बोले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत- इस तरह की घटनाएं देश के अंदर होती रहती हैं

लव जिहाद पर बोले के एक कौम को टारगेट किया जा रहा है़

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WEB DESK

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से श्रद्धा हत्याकांड और लव जिहाद पर पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं देश के अंदर होती रहती हैं। अशोक गहलोत के इस बयान के बाद उनके खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोला है। भाजपा ने उनके इस बयान की कड़ी निंदा की है।

अशोक गहलोत ने श्रद्धा हत्याकांड पर पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि – मैं इस केस पर कुछ नहीं बोलना चाहता, लेकिन ऐसी घटनाएं देश के अंदर होती रहती हैं। महिलाओं पर अत्याचार होते हैं। समाज को राजनीति को अलग करके आगे आना पड़ेगा, तब जाकर ये रुकेगी। वहीं लव जिहाद पर उन्होंने कहा कि यह एक दुर्घटना है और इसे नाम दे दिया गया है, जुमले कह दिए गए हैं। सदियों से अंतरधार्मिक शादियां हो रही हैं, यह नई बात तो नहीं है। लेकिन आपने एक कौम को एक धर्म को टारगेट बना दिया है, उसके आधार पर राजनीति हो रही है।

गहलोत के बयान पर पूनियां का पलटवार

श्रद्धा हत्याकांड मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान अपीजमेंट के प्रोटेक्शन की पराकाष्ठा है, प्रदेश का गृहमंत्री ऐसा बयान देता है तो बेहद गैर-जिम्मेदाराना है, इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं। यह जो लड़ाई है, जो घटना है, एक मानसिकता की लड़ाई है, विचार की लड़ाई है कि किस तरीके से सुनियोजित षड्यंत्र कर लव जिहाद, जमीन जिहाद, कन्वर्जन और इससे सबसे ज्यादा कोई प्रभावित है तो वह राजस्थान है। चाहे मेवात क्षेत्र हो या मुख्यमंत्री की कुर्सी के नीचे का क्षेत्र जहां कन्वर्जन की घटनाएं हुई हैं। श्रद्धा हत्याकांड की संवेदना का उनके ऊपर कोई असर नहीं है, उल्टा मुख्यमंत्री यह जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह सामान्य घटना थी। उनका यह बयान बहुत ही चिंताजनक भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी है किसी प्रदेश का मुखिया जो गृहमंत्री भी है, ऐसी बयानबाजी करते हैं तो यह समाज के लिए चिंताजनक है। यह लड़ाई किसी कम्युनिटी की नहीं है, यह मानसिकता की लड़ाई है, आतंकवाद, अराजकता जैसी घटनाएं और प्रदेश में भीलवाड़ा से लेकर करौली, जोधपुर और उदयपुर तक सीक्वेंस में घटनाएं हुईं हैं। एनआईए की इन्वेस्टिगेशन में बहुत सारी चीजें सामने आई हैं, पीएफआई के कनेक्शन की हम बात कहते रहे थे कि राजस्थान में पीएफआई पैर पसार रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री को इससे कोई इल्म नहीं था, मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री का यह बयान तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है।

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