कांग्रेस के उमंग सिंगार जैसे नेता जो काम कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यजनक है। कांग्रेस के उमंग सिंगार जैसे नेताओं पर कई आरोप हैं। इन पर लगने वाले आरोपों की सूची लंबी है और इनके अन्याय पूर्ण कृत्यों की पूरी श्रृंखला है। कांग्रेस के नेतृत्व, राहुल बाबा और कमलनाथ को प्रदेश की जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या कांग्रेस का यही चरित्र है? यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए भोपाल में कही। उन्होंने कहा कि उमंग सिंगार जैसा काम करने वालों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए।
कांग्रेस के फैलाए भ्रमों को दूर करेगी जनजातीय गौरव यात्रा
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि पिछले साल देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रेरणा से 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। उस समय प्रदेश में जनजातीय समाज के लोगों को उनके अधिकार देने के लिए पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा की गई थी। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि इस कानून को इस साल जनजातीय गौरव दिवस पर लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों में इस कानून के प्रति जागरुकता के लिए भाजपा प्रदेश के सभी 89 जनजाति बहुल विकासखंडों में जनजातीय गौरव यात्रा निकाल रही है। इन यात्राओं को प्रदेश के गौरव क्रांतिसूर्य टंट्या मामा का नाम दिया गया है। पार्टी इन यात्राओं से लोगों को जोड़ेगी और उन्हें पेसा कानून के बारे में जागरूक करेगी।
शर्मा ने कहा कि झूठ और छल-कपट की राजनीति करने वाली कांग्रेस लगातार झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह करना चाहती है। प्रदेश के 89 विकासखंडों में रहने वाले जनजातीय समाज के लोग और वहां रहने वाले अन्य समाजों के लोग उसे जवाब देंगे। टंट्या मामा के नाम से आयोजित की जाने वाली ये यात्राएं कांग्रेस के फैलाए भ्रमों को दूर कर लोगों को सही जानकारी देंगी।
कमलनाथ बताएं 84 के सिख दंगों में क्या भूमिका थी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इंदौर में कमलनाथ के खालसा कॉलेज में आयोजित समारोह में जाने के बाद जिस प्रकार की घटना हुई, जिस तरह सिख समाज के एक भजन गायक का सत्व जागृत हुआ, यही सत्व इस देश को बचाता है। उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों की याद और उसके जख्म आज भी यह देश और हमारा सिख समाज भूला नहीं है। जिस तरह से कमलनाथ का नाम सिख दंगों से जुड़ा हुआ है, उन्हें इस तरह के समारोहों में जाने और सिख समाज के लिए बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आज देश और प्रदेश का सिख समाज कमलनाथ से यह पूछना चाहता है कि 1984 के दंगों में आप की क्या भूमिका थी?
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