सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जब अधिवक्ता हड़ताल पर होते हैं तो इससे न्याय पाने वाला प्रभावित होता है, न कि इससे न्यायाधीश और अधिवक्ता को प्रभाव पड़ता है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मुख्य न्यायाधीश को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम रखा था, जिसमें वे संबोधित कर रहे थे।
सीजेआई ने कहा कि सद्भाव और संतुलन हमारे समाज और अदालतों की शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। डॉ. बीआर आंबेडकर ने जब संविधान को अपनाने की पूर्व संध्या पर संविधान सभा से बात की तब कहा था कि हम अब तक औपनिवेशिक शासन के अधीन थे और तब सत्याग्रह और हड़ताल एक साधन था, लेकिन अब हम स्वराज हासिल कर चुके हैं। इसलिए सत्याग्रह और हड़ताल को सहयोग, स्थिरता, शांति और संतुलन के लिए रास्ता देना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यही वह शांति और सामाजिक स्थिरता है, जिसके बारे में मैं बात करता हूं। बहुत सारी चीजें बातचीत से हल की जा सकती हैं और बार के सदस्यों के लिए यह महसूस करना महत्वपूर्ण है। इस दौरान सीजेआई ने कहा कि हमें जिला न्यायपालिका पर भरोसा करना सीखना होगा। न्यायिक प्रणाली के मामलों में जिला न्यायालय उतने ही अहम हैं जितने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट हैं।
बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पहली कॉलेजियम बैठक हुई, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस टी राजा, गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल एस. करियल और तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस ए. अभिषेक रेड्डी के ट्रांसफर करने का फैसला लिया गया था। इसके विरोध में गुजरात, मद्रास और तेलंगाना हाई कोर्ट के वकीलों ने हड़ताल की थी।
वहीं, वकीलों ने हड़ताल पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर कॉलेजियम द्वारा लिए गए हर निर्णय के लिए हड़तालें होंगी तो यह हमें कहां तक ले जाएंगी। उन्होंने कहा कि वकीलों को ऐसा नहीं करना चाहिए।
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