डर-डर कर काटे 15 दिन
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

डर-डर कर काटे 15 दिन

बंटवारे और भारत-पाकिस्तान बनने की आहट पूरी तरह से लोगों के दिलो-दिमाग पर हावी थी। चारों तरफ एक ही चर्चा होती थी, वह थी सिर्फ बंटवारे की। हिन्दू आतंकित होने के साथ शंका में थे

by अरुण कुमार सिंह and अश्वनी मिश्र
Nov 20, 2022, 10:14 am IST
in भारत
शकुंतला सेठ

शकुंतला सेठ

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

न भूलने वाला पल

रात में हमारे मोहल्ले में मुसलमान जोर-जोर से अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने लग जाते थे। डराने-धमकाने की कवायद शुरू हो चुकी थी।

शकुंतला सेठ

लाहौर, पाकिस्तान

उन दिनों पाकिस्तान में चीजें बदलनी शुरू हो गई थीं। बंटवारे और भारत-पाकिस्तान बनने की आहट पूरी तरह से लोगों के दिलो-दिमाग पर हावी थी। चारों तरफ एक ही चर्चा होती थी, वह थी सिर्फ बंटवारे की। हिन्दू आतंकित होने के साथ शंका में थे। कहां जाएंगे, क्या होगा, व्यापार-दुकान के बिना जीवन कैसे कटेगा, क्या अपनी मातृभूमि भी छोड़नी पड़ेगी? तो दूसरी तरफ कुछ लोग थे, जो इन सवालों से दूर भागते थे और कहते थे कि जिएंगे भी यहीं और मरेंगे भी यहीं, चाहे कुछ भी हो जाए।

खैर, हमारे परिवार में माता-पिता के साथ मैं, दो बहन, तीन भाई थे। मेरे पिताजी शहर के अनारकली बाजार के सीता मार्केट में काम करते थे। बंटवारे के पहले अड़ोस-पड़ोस में सब ठीक था। लेकिन कभी-कभी रात में हमारे मोहल्ले में मुसलमान जोर-जोर से अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने लग जाते थे। डराने-धमकाने की कवायद शुरू हो चुकी थी।

धीरे-धीरे मेहनत करने से जिंदगी पटरी पर आने लगी। लेकिन इस बीच सबको अनेक कष्ट सहने पड़े क्योंकि चीजें जड़ से उखड़ चुकी थीं। हम कुछ साथ नहीं लाए थे, सो परेशानियों को शब्दों में बताया नहीं जा सकता। उस समय पाकिस्तान से जो लोग आए, उनके दर्द को सिर्फ वही समझता है, जो इस पीड़ा से गुजरा।

धीरे-धीरे उन्माद का माहौल बनाया जाने लगा था। लेकिन हिन्दुओं का यहां भी एक वर्ग था जो इनसे मोर्चा लेने के लिए तैयार रहता था और हर-हर महादेव का जयघोष करके चुनौती देता था। लगभग 15 दिन हम लोग इसी माहौल में रहे। अंत में वातावरण इतना खराब हो गया कि वहां पर रहना मुश्किल हो गया। सो एक दिन वहां से पलायन करने का निर्णय हुआ। पिताजी किसी तरह हम लोगों को सुरक्षित स्थान पर लेकर आये। जहां रहे, वहां अनेक कष्टों का सामना किया। फिर वहां से हम सभी किसी तरह से सहारनपुर पहुंचे।

यह भगवान की कृपा थी कि उस समय लाखों लोग जिस पीड़ा से गुजरे, उसमें हमारा परिवार सकुशल बचकर भारत आ सका। लेकिन मेरा एक भाई वहीं रह गया था, क्योंकि घर में बहुत सामान वगैरह था। सोचा था कि महिलाएं सकुशल भारत पहुंच जाएं, कोई एक पुरुष बचे सामान को लेकर आ जाएगा। परंतु जो हम लोग साथ ले आ पाए, वही आ सका।

जो वहां रह गया, उसे मेरा भाई नहीं ला सका। 1947 में लाहौर से चलकर पूरा परिवार सहारनपुर तो आया, लेकिन सब कुछ छोड़कर। कुछ दिन हम लोग सहारनपुर रहे और बाद में बागपत में रहने लगे। यहां पर कुछ परिवार थे ही और भी कुछ परिवार साथ आ गए। हमारे चाचाजी आंख के डॉक्टर थे, तो उन्होंने हम सभी को व्यवस्थित करवाया।

इसके बाद धीरे-धीरे मेहनत करने से जिंदगी पटरी पर आने लगी। लेकिन इस बीच सबको अनेक कष्ट सहने पड़े क्योंकि चीजें जड़ से उखड़ चुकी थीं। हम कुछ साथ नहीं लाए थे, सो परेशानियों को शब्दों में बताया नहीं जा सकता। उस समय पाकिस्तान से जो लोग आए, उनके दर्द को सिर्फ वही समझता है, जो इस पीड़ा से गुजरा।

Topics: पाकिस्तान से जो लोग आएउनके दर्द को सिर्फ वही समझता हैमोहल्ले में मुसलमान जोर-जोर से अल्लाह-हू-अकबर का नाराबंटवारे और भारत-पाकिस्तान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया क्यों चुनी सेना की राह?

“ये युद्धकाल है!” : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से नेपाल सीमा तक अलर्ट, CM ने मॉकड्रिल और चौकसी बरतने के दिए निर्देश

Live: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिये आज का डेवलपमेंट

पाकिस्तान की पंजाब में आतंकी साजिश नाकाम : हथियार, हेरोइन और ड्रग मनी के साथ दो गिरफ्तार

महाराणा प्रताप: हल्दीघाटी की विजयगाथा और भारत के स्वाभिमान का प्रतीक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies