उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में अब तक 46,00,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इससे पहले इतने श्रद्धालु कभी नहीं आए थ
इस वर्ष की चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री) पूरी होने जा रही है। बद्रीनाथ धाम के अलावा सभी धामों के कपाट शरद काल के लिए बंद हो गए हैं। कोविड महामारी के बाद पहली बार यात्रा अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चली। इस बार सबसे अधिक तीर्थयात्री आए। यात्रियों की संख्या 46,00,000 से अधिक रही, जो एक कीर्तिमान है। इसमें चारों धाम और श्री हेमकुंड साहिब तीर्थ आने वाले यात्री भी शामिल हैं।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया था। साथ ही केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की थी। इस अवसर पर उन्होंने कहा था, ‘‘अगला दशक उत्तराखंड का होगा। जितने तीर्थयात्री पिछले 100 वर्ष में नहीं आए, उससे ज्यादा अगले दशक में आने वाले हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी जब इस साल दीपावली से पहले केदारनाथ आए तब भी उन्होंने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि बद्री, केदार नगरी नए रूप में निखर रही है और यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आने वाले हैं।
2022 में चारधाम के दर्शनार्थियों की संख्या
- श्री बद्रीनाथ धाम में अब तक 17,00,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। इसके कपाट 8 मई को खुले थे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे, तब तक यात्री संख्या में और भी वृद्धि हो जाएगी।
- श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से कपाट बंद होने तक 15,63,278 यात्री पहुंचे।
- श्री यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से कपाट बंद होने तक तक 4,85,688 यात्री पहुंचे।
- श्री गंगोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से कपाट बंद होने तक 6,24,516 श्रद्धालु आए।
22 मई से अब तक श्री हेमकुंट साहिब-लोकपाल तीर्थ में 2,47,000 तीर्थयात्री पहुंचे।
दुगुनी हुई श्रद्धालुओं की संख्या
कोविड महामारी के फैलने से पहले चारधाम यात्रा पर 25,00,000 से ज्यादा तीर्थयात्री कभी नहीं आए थे, जबकि इस साल यह संख्या दुगुनी तक पहुंच गई है। यात्रा के दौरान बद्री-केदार को सजाने-संवारने का काम भी चलता रहा। मुंबई के एक श्रद्धालु द्वारा दिए गए केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण-जड़ित कर दिया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की मौजूदगी में यह काम पूर्ण करवाया गया। इससे पहले यहां लगी चांदी की परतों को सावधानीपूर्वक निकाला गया। फिर तांबे की परत लगाकर उसकी नाप-जोख की गई।
इसके बाद मुंबई से उसी आकार की 550 स्वर्ण-परतों को पहले विशेष वाहन से गौरी कुंड लाया गया। फिर घोड़े, खच्चरों से केदारनाथ पहुंचाया गया। 19 कारीगरों द्वारा इस कार्य को तीन दिन में पूरा किया गया। अब गर्भगृह, जलेरी, छत, स्तंभ और स्वयंभू शिवलिंग के आसपास स्वर्ण आभा का एहसास होने लगा है।
बद्र्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि स्वर्ण परत का काम पूरा हो जाने के बाद बाबा केदार की भव्यता में और निखार आ गया है।
चल रही हैं विकास योजनाएं
केदारनाथ में अभी करीब 500 करोड़ रु. के स्थलीय विकास के काम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गौरी कुंड से बाबा केदार मंदिर तक ‘रोपवे प्रोजेक्ट’ का शिलान्यास कर दिया है। रोपवे बन जाने से यह लगभग 20 किमी की पैदल यात्रा रोपवे के जरिए हवा में आधे घंटे में पूरी हो सकेगी। यकीनन इससे उम्रदराज तीर्थयात्रियों को केदारनाथ आने का हौंसला मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने बद्र्रीनाथ धाम के ‘मास्टर प्लान’ पर भी काम शुरू करवा दिया है। इसके अंतर्गत पहले चरण में करीब 600 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। बद्रीनाथ बाई पास और माणा गांव तक फोर लेन सड़कें बनेंगी। प्रधानमंत्री ने पांचवें धाम माने जाने वाले सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी तक बनने वाले ‘रोपवे प्रोजेक्ट’ का भी शिलान्यास किया है। ये दोनों रोपवे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाए जाएंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पहले से ही ऋषिकेश से चारधाम होते हुए तिब्बत सीमा तक ‘आल वेदर रोड प्रोजेक्ट’ को पूरा करने में लगा है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सुरंगों के सहारे रेल पटरी बिछाने का काम तेजी पर है।
अगले चरण में रेल पटरी के बद्रीनाथ तक पहुंच जाने की संभावना है। जिस तरह से चारों धाम में सरकार और मंदिर समिति द्वारा यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है उसे देख सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले कुछ वर्षों में यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या एक करोड़ के आसपास पहुंच जाएगी।
प्रधानमंत्री यही चाहते हैं। उनका मानना है कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ता है और हर हाथ को काम मिलता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कई राज्य सरकारें और केंद्र सरकार के कई विभाग तीर्थस्थलों और अन्य पर्यटक स्थलों को संवार रहे हैं, सजा रहे हैं और भव्य रूप दे रहे हैं।
टिप्पणियाँ