उत्तर कोरिया पर अमेरिका की दक्षिण कोरिया व जापान के साथ मिलकर दबाव बनाने की कोशिश सफल नहीं हुई है। उत्तर कोरिया ने फिर बैलेस्टिक मिसाइल दाग कर अमेरिका को करारा जवाब दिया है।
उत्तर कोरिया पिछले कुछ दिनों से लगातार बैलेस्टिक मिसाइल दाग रहा है। अब तक दक्षिण कोरिया की ओर तो मिसाइलें दागी ही जाती थीं, पिछले दिनों जापान की ओर भी एक मिसाइल दागे जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने दक्षिण कोरियाई और जापानी समकक्षों के साथ त्रिपक्षीय सम्मेलन किया था। इस सम्मेलन में अमेरिका ने दक्षिण कोरिया व जापान की सुरक्षा को लेकर न सिर्फ दृढ़ प्रतिबद्धता जताई थी, बल्कि जवाब में उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू करने की धमकी भी दी थी। बाइडेन ने एटमी हथियारों समेत अन्य सभी सैन्य उपायों के जरिये दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया था।
अमेरिकी धमकी के बाद उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी समुद्री तट की ओर एक बैलेस्टिक मिसाइल दागकर अमेरिका को चुनौती दी है। इस संबंध में दक्षिण कोरिया की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि उत्तर कोरिया ने एक और मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल ने करीब 240 किमी की उड़ान भरी और 47 किमी की ऊंचाई तक पहुंच गई। इस लॉन्चिंग की अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया समेत संयुक्त राष्ट्र ने भी कड़ी निंदा की है।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने चेताया कि प्योंगयांग के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का हालिया शिखर सम्मेलन कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त तनाव को अधिक अप्रत्याशित बना देगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों को जितनी मदद की पेशकश करेगा या कोरियाई प्रायद्वीप में जितनी अधिक उकसावे वाली सैन्य गतिविधियां संचालित करेगा, उत्तर कोरिया की जवाबी कार्रवाई उतनी ही कड़ी होगी।
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