इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बहस व नोकझोंक पर चीन ने सफाई दी है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच गर्मागर्मी साफ दिखाई दी थी।
दरअसल, जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 15 नवंबर को सीधी बातचीत हुई थी। इस बातचीत का ब्यौरा कनाडा की मीडिया तक पहुंच गया, जिसे लेकर जिनपिंग भड़क गए थे। अगले दिन जब ट्रूडो से उनका सामना हुआ तो जिनपिंग ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा था कि बातचीत का यह अच्छा तरीका नहीं है कि सारी बातें मीडिया को बता दी जाएं। इस पर ट्रूडो ने जिनपिंग से कहा कि कनाडा में वे स्वतंत्र, खुली और स्पष्ट बातचीत में विश्वास रखते हैं और यही आगे भी होगा। उन्होंने कहा कि कनाडा रचनात्मक रूप से काम करना जारी रखेगा, किन्तु असहमति वाले विषयों पर असहमति भी दर्ज कराई जाएगी।
ट्रूडो और जिनपिंग की नोकझोंक की तस्वीरें भी सार्वजनिक रूप से वायरल हो गयीं और फिर इन पर भी दुनिया भर में चर्चा शुरू हो गयी। इसके बाद चीन की ओर से इस मसले पर सफाई दी गयी है। चीन की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किसी की आलोचना नहीं की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि जो वीडियो दिखाया जा रहा है, वह सामान्य बातचीत का वीडियो है। इसी किसी की आलोचना के रूप में नहीं दर्शाया जाना चाहिए।
दरअसल, चीन में मीडिया स्वतंत्र नहीं है और वहां वही छपता व दिखाया जाता है, जो सरकार चाहती है। इसके विपरीत कनाडा के मीडिया ने कनाडाई प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत खुल कर सामने ला दी थी। कनाडा के 2019 के चुनावों में चीनी दखल के आरोप लगे थे। कनाडाई मीडिया के मुताबिक जिनपिंग से बातचीत में ट्रूडो ने खुल कर कह दिया था कि चीन द्वारा कनाडा की राजनीति में दखल देने के आरोप गंभीर हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए।
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