गत दिनों राजस्थान के जोधपुर शहर में एक अनुकरणीय प्रयोग देखने को मिला। यहां के पीपाड़ शहर में समाज के सहयोग से तीन निर्धन बच्चियों (ललिता, कविता व सुमन) का विवाह हुआ। बता दें कि नयापुरा में रहने वाले वंचित समाज की इन तीन युवतियों को ननिहाल पीपाड़ में है। उनके माता-पिता इस संसार में नहीं हैं। बीमारी के चलते उन दोनों का निधन हो चुका है।
नाना गणपतराम, मामा राकेश व अनिल ने तीनों का पालन-पोषण कर उन्हें बड़ा किया। पिछले 14 वर्ष से तीनों बहनें ननिहाल में ही रह रही थीं। पिछले दिनों इन तीनों का विवाह तय हुआ, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण थोड़ी दिक्कत आई। इसे देखते हुए समाज के कुछ लोग आगे आए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने विवाह में आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की। सब ने मिलकर भोजन का खर्च वहन किया। उन्होंने सभी बारातियों और परिवार के लोगों को अपने हाथों से भोजन परोसा।
कुल 250 बारातियों और घरातियों के लिए खाना तैयार करवाया गया। रेखा टेंट वालों ने सारा सामान नि:शुल्क दिया। हलवाई गंगाराम ने नि:शुल्क सेवा दी। नयापुरा के वासियों ने तीनों बहनों को घरेलू सामान और अन्य वस्तुएं दीं।
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