अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के नतीजों को लेकर उमड़ रहे कयास नेवाडा के नतीजे आने के साथ थम गए। चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया कि सीनेट पर आने वाले दो साल के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी ही हावी रहने वाली है। रिपब्लिकन पार्टी को फिलहाल और इंतजार करना पड़ेगा। बची एक सीट का नतीजा भी डेमोक्रेट्स की झोली में जाता दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इन चुनावों में तस्वीर के पलट जाने की उम्मीद थी, क्योंकि जिस तेजी से राष्ट्रपति जो बाइडेन की लोकप्रियता घटती जा रही है, उससे उन्हें लगा था कि मध्यावधि चुनाव इस तथ्य पर मुहर लगा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अमेरिकी सीनेट में उनकी हार ही हुई है। कारण, एरिजोना के बाद नेवाडा में भी रिपब्लिकन उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार ने सीनेट पर लगाम कसने की रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदें धराशायी हो गईं।
एरिजोना के नतीजों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ब्लेक मास्टर्स को हार झेलनी पड़ी है, उन्हें पूर्व अंतरिक्ष यात्री डेमोक्रेट सीनेटर मार्क केली ने हराकर इस सीट पर कब्जा किया है। इतना ही नहीं, डेमोक्रेट्स को नेवाडा में भी जीत मिली है। नेवाडा से बाइडेन की पार्टी की कैथरीन कोर्ट्ज मस्टो जीती हैं। मस्टो ने डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के उम्मीदवार एडम लैक्साल्ट को कड़ी टक्कर देते हुए धूल चटा दी।
इस तरह 100 सीटों वाली सीनेट के नतीजों के अनुसार, 50 सीटें डेमोक्रेटिक पार्टी की झोली में गईं जबकि रिपब्लिकन को 49 सीटें ही प्राप्त हुई हैं। एक सीट पर नतीजा आना बाकी है लेकिन उस सीट जॉर्जिया पर भी डेमोक्रेट्स की जीत लगभग तय समझी जा रही है। इससे उसे 49 के मुकाबले 51 सीटें हासिल हो जाएंगी।
मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के शानदार प्रदर्शन से राष्ट्रपति बाइडेन काफी उत्साहित हैं। उनकी पार्टी में जश्न का माहौल है। सीनेट में सदन के नेता चक शूमर ने तो जीत का दावा करते हुए ट्वीट में लिखा, ‘सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत।’ हालांकि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में क्या होगा, इस सवाल पर संशय बना हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी वहां अपने जरा से अंतर वाले बहुमत को बनाए रखने की कोशिश में है।
मध्यावधि चुनाव को लेकर बाइडेन ने हाल में कहा था कि यह लोकतंत्र के लिए एक अच्छा दिन है। इधर कुछ वर्षों में हमारे लोकतंत्र को परखा गया है, लेकिन अमेरिकी नागरिकों के वोटों से हमने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यहां लोकतंत्र है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली जाने और वहां विश्व के बड़े नेताओं से मिलने से पहले बाइडेन को मिली यह जीत उनमें निश्चित रूप से उत्साह का संचार करेगी। अब वे और मजबूत स्थिति से दुनिया के नेताओं से मिल सकेंगे और उनकी बात में अब और दमदारी होगी।
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