देश की रक्षा में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में तैनात मध्यप्रदेश के रहने वाले सीआरपीएफ जवान जलसिंह सखवार आतंकवादियों से लड़ते हुए बलिदान हो गया। शनिवार को बलिदान होने की खबर परिजनों को मिलने के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जवान की बलिदान पर दुख व्यक्त हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार देर रात ट्वीट के माध्यम से कहा कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में पदस्थ देश के वीर सपूत व मुरैना की मिट्टी के लाल जलसिंह सखवार जी का आतंकी हमले में निधन का समाचार अत्यंत दु:खदायी है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।
जानकारी के अनुसार मुरैना जिले के अम्बाह निवासी 52 वर्षीय सीआरपीएफ जवान जलिसंह सखवार अनंतनाग जिले में पदस्थ थे। शुक्रवार को नाके पर ड्यूटी के दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई। इस दौरान जवान जलसिंह सखवार को सिर में गोली लगी और वे बलिदान हो गए। वारदात के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर एक आतंकी को मार गिराया। शनिवार को सुबह सीआरपीएफ हेटक्वार्टर से उनकी बलिदान की खबर परिजनों को दी गई। इसके बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। बताया जा रहा है कि जलसिंह की पार्थिव देह पोस्टमॉर्टम के बाद हवाई जहाज से दिल्ली लाई गई। इसके बाद दिल्ली से सड़क मार्ग से देह रविवार सुबह तक उनके पैतृक गांव अम्बाह पहुंचेगी, जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
उल्लेखनीय है कि बलिदानी जवान जलसिंह वर्ष 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। जलसिंह के घर में पत्नी माया देवी, 12 साल का बेटा आयुष और 6 वर्षीय बेटी प्रियल है। बच्चों की पढ़ाई की वजह से तीनों ग्वालियर में किराये के मकान में रहते हैं। जलसिंह की बड़ी बेटी करिश्मा की शादी 2018 में हुई थी, वह फिलहाल अपने ससुराल में रह रही है। बलिदानी जलसिंह के साले धर्मेंद्र ने बताया कि दो दिन पहले ही जीजा की दीदी से मोबाइल पर बात हुई थी। बातचीत में उन्होंने बच्चों का हाल जाना और उनके भविष्य को लेकर बात की थी। धर्मेंद्र ने बताया कि जीजाजी दीपावली से लगभग 10 दिन पहले ही छुट्टी मनाकर कश्मीर गए थे। वे एक महीने से घर अपने परिवार के साथ थे। जाने के कुछ दिन बाद ही उनके बलिदान होने की खबर आई। इसने पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया।
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