द. कोरिया के देगू में 'बाहरी' मुसलमानों के मस्जिद बनाने के विरुद्ध एकजुट हुए नागरिक
Saturday, January 28, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम विश्व

द. कोरिया के देगू में ‘बाहरी’ मुसलमानों के मस्जिद बनाने के विरुद्ध एकजुट हुए नागरिक

देगू शहर के दाहेयोंग-दोंग इलाके में स्थानीय नागरिकों और अप्रवासी मुसलमानों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। मस्जिद का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। यह मस्जिद यहां कोरोना म​हामारी के काल यानी दिसम्बर 2020 में बनानी शुरू की गई थी

Alok Goswami by Alok Goswami
Nov 12, 2022, 02:30 pm IST
in विश्व
बंद गली के छोर पर मस्जिद को बनता देखकर भयभीत हैं स्थानीय निवासी

बंद गली के छोर पर मस्जिद को बनता देखकर भयभीत हैं स्थानीय निवासी

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

दक्षिण कोरिया के देगू शहर में इस वक्त जबरदस्त आक्रोश है। स्थानीय नागरिक एकजुट होकर भविष्य में संभावित जिहादी खतरे के विरुद्ध खड़े हुए हैं। उनकी शिकायत है कि उनके क्षेत्र में आप्रवासी मुस्लिम जनसांख्यिकीय बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं और वे ऐसा नहीं होने देंगे। वे कई तरह से अपना यह विरोध जता रहे हैं ताकि प्रशासन सचेत हो और वहां मस्जिद बनने से रोक जहां सिर्फ गिनती के 8—10 मुस्लिम ही रह रहे हैं। मजहबी उन्माद से त्रस्त दुनिया के अन्य देशों के लोग मानसिक रूप से देगू वालों के साथ खड़े दिखते हैं।

देगू को लोगों को गुस्सा इस बात का है कि बाहर से आकर उनके देश में आसरा पाने वाले अपनी मनमानी कैसे चला सकते हैं! स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी अपनी मस्जिद खड़ी करने पर क्यों अड़े हुए हैं! सिर्फ 8—10 लोग, जो मोहल्ले के एक घर में अभी तक नमाज पढ़ते आ रहे थे, उन्हें मस्जिद क्यों खड़ी करनी है जबकि वहां का बहुसंख्यक समाज मुस्लिम मत का नहीं है! ये ऐसे सवाल हैं जो न सिर्फ उचित हैं बल्कि दुनिया में जो इतना ज्यादा मजहबी उन्माद दिखाई दे रहा है, उसे देखते हुए देगू के नागरिकों की आशंकाएं भी तो निराधार नहीं हैं।

मस्जिद निर्माण के विरुद्ध प्रदर्शनरत देगू की महिलाएं

स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके इलाके में पहले ही करीब 30 चर्च हैं, अब चर्च से सिर्फ 30 गज की दूरी पर मस्जिद खड़ी करने की जिद करना कहां की अक्लमंदी है! लेकिन उनके लाख विरोध के बाद भी मस्जिद का निर्माण चालू है। इसलिए अब विरोध तीखा होता जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि देगू शहर के दाहेयोंग-दोंग इलाके में स्थानीय नागरिकों और अप्रवासी मुसलमानों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। मस्जिद का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। यह मस्जिद यहां कोरोना म​हामारी के काल यानी दिसम्बर 2020 में बनानी शुरू की गई थी।

जिस गली में मस्जिद बनाई जा रही है उसमें विरोध स्वरूप बैनर पोस्टर लेकर बैठे मोहल्ले के लोग

दक्षिण कोरिया अपनी सांस्कृतिक संपन्नता और पॉप संस्कृति के लिए जाना जाता है। लेकिन अब वहां भी मजहबी तत्वों द्वारा तेजी से जनसांख्यिकीय बदलाव किया जा रहा है। दक्षिण कोरिया के जनसंख्या आंकड़े देखें तो 2020 में वहां ‘आप्रवासी’ कुल आबादी का 3.3 प्रतिशत हो चुके हैं और उनकी संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है।

दाहेयोंग-दोंग में मस्जिद के निर्माण को लेकर स्थानीय दक्षिण कोरियाई लोगों का यही डर सता रहा है कि इसे बनाया ही इसलिए जा रहा है ताकि इलाके में जनसांख्यिकिय बदलाव लाकर मजहबियों का प्रतिशत बढ़ाया जाए। स्थानीय लोगों में तो इससे इतनी दहशत बैठ चुकी है कि कई यहां तक कह रहे हैं कि अगर यह मस्जिद बन गई तो वे इलाके को छोड़कर कहीं और जा बसेंगे।

एक स्थानीय निवासी ने बताया है कि कुछ मुस्लिम छात्र वहां के एक घर में नमाज पढ़ा करते थे। बता दें कि पास की क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे कुछ मुस्लिम छात्र 2014 से वहां ये नमाज पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन कोरोना काल में हालात तेजी से बदले। 2020 में मोहल्ले में कुल 6 मुसलमान (पाकिस्तानी और बांग्लादेशी) रहते थे। उन्होंने उसी मोहल्ले में एक प्लाट खरीद लिया। और उसी साल दिसंबर में, स्थानीय अधिकारियों से एक 20 मीटर लंबी मस्जिद बनाने की अनुमति भी प्राप्त कर ली।

अप्रवासी मुस्लिमों का कहना है कि जिस घर में वे नमाज पढ़ते आ रहे थे वह छोटा पड़ता है और एक बार में बस 150 नमाजी ही वहां नमाज पढ़ सकते हैं। इसलिए उन्हें बड़ी जगह चाहिए। लेकिन वहां का कोरियाई समुदाय कह रहा है कि पहले ही उनकी नमाज से कई साल से मोहल्ले में शोर रहने लगा है और भीड़भाड़ बढ़ गई है। इसलिए वहां का स्थानीय समुदाय इस मस्जिद के बनने का हर संभव तरीके से विरोध कर रहा है। उन्होंने आशंका जताई है कि एक बड़ी मस्जिद बनने के बाद तो यहां और ज्यादा मुसलमानों का आना—जाना शुरू हो जाएगा और उनकी भीड़ से खतरा बढ़ जाएगा।

62 साल के निवासी जोंग का कहना है कि वे पिछले कई साल से पड़ोस में मुस्लिमों के रहने और नमाज पढ़ने को झेलते आ रहे हैं, लेकिन संबंध मधुर ही बने हुए हैं। आपस में मिलकर खाना और उपहारों का लेनदेन भी चलता रहा है। लेकिन स्थानीय समाज ने नमाज के लिए लोगों के इकट्ठे होने को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं की थी।

“लेकिन जरा सोचिए, आपके घर के दरवाजे से दिन में कई बार लोगों की बड़ी भीड़ गुजरे, वे जोर जोर से बातें करते हुए गुजरें, मोटरसाइकिलों पर शोर मचाते हुए आवाजाही करें तो कितनी परेशानी खड़ी हो जाएगी।” जोंग ने कहा।

वहीं एक स्थानीय महिला का कहना है कि शुरू में उन छात्रों ने एक घर में नमाज पढ़ना शुरू किया था, लेकिन अब तो मोटरसाइकिलों पर जत्थे के जत्थे बाहरी मुस्लिम वहां आने लगे हैं। मोहल्ले की शांति भंग हो गई है। मस्जिद बनने से यहां कितना शोरगुल और सुरक्षा को लेकर संकट खड़ा हो जाएगा, यह सोचकर ही डर लगता है। यही वजह है कि दाहेयॉन्ग-दोंग से स्थानीय कोरियाई समुदाय के बड़ी संख्या में पलायन की आशंका बढ़ गई है।

जहां मस्जिद बनाई जा रही है वहां रास्ते में खड़ी कार और मजहबी हिंसा के ​प्रति सावधान करता पोस्टर

60 साल के पार्क जियोंग-सुक का कहना है कि वहां जो लोग अब आने लगे हैं उन्हें उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। उनमें भी कोई महिला नहीं होती, बस पुरुष ही झुंडों में आते हैं। एक अन्य निवासी, नामगुंग मायऑन (59) को तो लगता है अप्रवासी मुस्लिमों के आने से दक्षिण कोरिया के मूल्यों, संस्कृति और चरित्र को खतरा हो सकता है।

उल्लेखनीय ​है कि आक्रोशित स्थानीय निवासियों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को एक के बाद एक शिकायत की। आखिरकार उनके दबाव से अधिकारियों ने फरवरी 2021 में मस्जिद बनाने के लिए दी गई मंजूरी को रद्द कर दिया। इससे कुछ समय के लिए मस्जिद निर्माण कार्य प्रभावित रहा। स्थानीय कोरियाई समुदाय संतोष की सांस ले ही रहा था कि कुछ मुस्लिम रसूखदारों ने दिसंबर 2021 में अदालत में इस विवाद पर चल रहा मुकदमा जीत लिया। स्थानीय कोरियाई समुदाय के जले पर नमक छिड़कते हुए शीर्ष अदालत ने सितंबर 2022 में निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा यानी मस्जिद निर्माण का काम जारी रहेगा।

जिला अधिकारियों से मस्जिद को ‘स्थानांतरित’ करने की अपील की गई, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ। परिस्थितियों से मजबूर, कोरियाई लोग दाहेयोंग—दोंग में मस्जिद के निर्माण में अड़चन डालने के लिए अपनी ही कोशिशों में जुटे हैं।

उन्होंने मस्जिद वाली जगह के सामने ही अपनी गाड़ियां खड़ी करनी शुरू कर दी हैं, गली में सूअरों के कटे सिर रखे जाने लगे हैं (इस जीव को इस्लाम में बुरी नजर से देखा जाता है), खुले में सूअर का मांस पकाया जाता है और नमाज के समय तेज संगीत बजाने तक की रणनीति अपनाई गई है।

Alok Goswami
Journalist at Bahrat Prakashan | Website

A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth  of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.

  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jan 17, 2023, 02:30 pm IST
    नेपाल में 20 साल से कन्जर्वन में लगा है कोरिया का पादरी
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Dec 24, 2022, 01:40 pm IST
    'अपनी हद में रहो', चीन ने फिर चेताया अमेरिका को
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Nov 26, 2022, 12:03 pm IST
    क्या फिर नेपाल के प्रधानमंत्री बनने की ओर हैं देउबा!
Topics: #muslimmusalman#islamProtestviolencemosquesouthkoreacitizencommunaltensionlocalauthoritieskorea
Share9TweetSendShareSend
Previous News

सुरक्षा बलों ने ना मदरसे को कुछ होने दिया ना मस्जिद को, पाकिस्तानी आतंकी मासूम बच्चों को बनाना चाहता था ढाल, हुआ ढेर

Next News

पंजाब: वाघा बॉर्डर पर 2,000 साल पुरानी बुद्ध की मूर्ति जब्त

संबंधित समाचार

खैबर पख्तूनख्वा में फिर मंदिर पर हमला, सहमे हिन्दू परिवारों का पलायन

खैबर पख्तूनख्वा में फिर मंदिर पर हमला, सहमे हिन्दू परिवारों का पलायन

स्वीडन में जलाई गई कुरान, उबल रहा मु​सलमानों के विरुद्ध आक्रोश

स्वीडन में जलाई गई कुरान, उबल रहा मु​सलमानों के विरुद्ध आक्रोश

‘भारत जब चाहे पाकिस्तान ढह जाए’, अमेरिका के मुस्लिम प्रोफेसर ने क्यों कहा ऐसा!

‘भारत जब चाहे पाकिस्तान ढह जाए’, अमेरिका के मुस्लिम प्रोफेसर ने क्यों कहा ऐसा!

‘सलमान रुश्दी जैसा हाल बना देंगे मुसलमान’, खामेनेई के कार्टून से चिढ़े ईरान की धमकी

‘सलमान रुश्दी जैसा हाल बना देंगे मुसलमान’, खामेनेई के कार्टून से चिढ़े ईरान की धमकी

शार्ली एब्दो में खामेनेई के कार्टून से बिफरा ईरान, जड़ा फ्रांस के शोध संस्थान पर ताला

शार्ली एब्दो में खामेनेई के कार्टून से बिफरा ईरान, जड़ा फ्रांस के शोध संस्थान पर ताला

पैगंबर के चित्र से गुस्साए मुस्लिम छात्रों का बढ़ा दबाव तो विश्वविद्यालय ने निकाला प्रोफेसर को

पैगंबर के चित्र से गुस्साए मुस्लिम छात्रों का बढ़ा दबाव तो विश्वविद्यालय ने निकाला प्रोफेसर को

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फन कुचलने का क्षण

फन कुचलने का क्षण

सेना की जीवन रेखा रेलवे

सेना की जीवन रेखा रेलवे

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

विश्व कल्याण हेतु भारत को बनना होगा अग्रेसर : दत्तात्रेय होसबाले

पीएम मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का राज्यपाल ने किया विमोचन

पीएम मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ का राज्यपाल ने किया विमोचन

मौसम अपडेट : देश के कई हिस्सों में बारिश के आसार, 284 ट्रेनें रद

मौसम अपडेट : देश के कई हिस्सों में बारिश के आसार, 284 ट्रेनें रद

झारखंड : पश्चिम सिंहभूम में पुलिस को बड़ी सफलता, तीन नक्सली गिरफ्तार

झारखंड : पश्चिम सिंहभूम में पुलिस को बड़ी सफलता, तीन नक्सली गिरफ्तार

परीक्षा पे चर्चा : कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता न अपनाएं – प्रधानमंत्री

परीक्षा पे चर्चा : कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता न अपनाएं – प्रधानमंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 : इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज, पीएम मोदी बोले- एमपी अजब, गजब और सजग

परीक्षा पे चर्चा : पीएम मोदी आज लाखों स्टूडेंट्स को देंगे टिप्स, यहां देख सकेंगे लाइव

कोरोना के खिलाफ एक और हथियार, इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च

कोरोना के खिलाफ एक और हथियार, इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन इनकोवैक लॉन्च

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • लव जिहाद
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies