पश्चिम बंगाल यानी घोटालों का राज्य। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं, लेकिन ममता सरकार अपने को ईमानदार और पाक—साफ दिखाने का ड्रामा रचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। शिक्षक भर्ती घोटाले में एक बार फिर से प्रर्वतन निदेशालय ने ममता सरकार के पूर्व मंत्री परेश अधिकारी को तलब किया है। परेश अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी ईडी कार्यालय में हाजिर हुए हैं। इससे पहले परेश को सात नवंबर को तलब किया गया था। पूछताछ उस दिन साढ़े चार घंटे तक चली थी। इसके चार दिन बाद यानी आज फिर से पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया।
भर्ती घोटाले में संलिप्तता
परेश अधिकारी पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। सीबीआई हाई कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है। उसी के सम्मन पर परेश अधिकारी से जांच अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की थी। उल्लेखनीय है कि परेश अधिकारी पर अपनी बेटी को प्राथमिक शिक्षक की नौकरी देने का आरोप लगा था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें 41 महीने का वेतन दो किस्तों में लौटाना पड़ा। इसके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री पद से हटाया था। इन घोटाले की सीबीआई के साथ-साथ ईडी जांच कर रही है।
गिरफ्तारी की उठी थी मांग
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने परेश अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी की तरह उन्हें जेल में होना चाहिए। उन्होंने भी यही अपराध किया। तो बाहर क्यों हैं? बता दें कि अब तक सीबीआई—ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की जांच के दौरान कई दिग्गजों को गिरफ्तार किया है। इनमें पार्थ चट्टोपाध्याय, अशोक साहा, शांतिप्रसाद सिन्हा, सुबीरेश भट्टाचार्य, कल्याणमय गंगोपाध्याय, माणिक भट्टाचार्य शामिल हैं।
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