नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फीट की प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अनावरण करेंगे। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार, किसी शहर के संस्थापक की यह पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है। इसे समृद्धि की मूर्ति कहा जाता है और बेंगलुरु के विकास की दिशा में शहर के संस्थापक केम्पेगौड़ा के योगदान को मनाने के लिए बनाया गया है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने किया ट्वीट
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ की ओर से मिले एक प्रमाण पत्र के साथ ट्वीट करते हुए लिखा “हमारे लिए गर्व की बात है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुसार ‘स्टेच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ किसी शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है। बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि। 108 फुट ऊंची यह प्रतिमा वैश्विक शहर बनाने के उनके विचार की प्रतीक है।”
लगभग 220 टन वजनी यह प्रतिमा यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थापित की गई है। इसमें लगी तलवार का वजन चार टन है। इसके अलावा इस परियोजना में 16वीं शताब्दी के शासक केम्पेगौड़ा को समर्पित 23 एकड़ क्षेत्र में बना एक विरासत थीम पार्क भी शामिल है। दोनों के निर्माण पर लगभग 84 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
विजयनगर साम्राज्य के शासक थे केंपेगौड़ा
केंपेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य के एक शासक थे। उन्होंने 1537 में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु शहर को बसाया था। अपने समय के सुशिक्षित और सफल शासक रहे केंपे गौड़ा को सामाजिक सुधारों और बेंगलुरु में मंदिरों और जलाशयों के निर्माण के लिए भी जाना जाता है।
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