छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में राजनांदगांव में कथित तौर पर एक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को ना मानने की शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम में महापौर हेमा देशमुख भी मौजूद थीं। इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस सवालों के घेरे में आ गई है। भाजपा ने वीडियो पर नाराजगी जताते हुए इसे ‘नफरत फैलाने की कोशिश’ करार दिया है।
वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने FIR दर्ज कराने और गिरफ्तारी की मांग को लेकर कलेक्टर व एसपी को बुधवार को एक ज्ञापन सौंपा। वायरल हुए वीडियो में कांग्रेस नेता व राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक और नगर निगम महापौर हेमा देशमुख भी दिखाई दे रहे हैं।
यह वीडियो 7 नवंबर 2022 का है। वीडियो में लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई जा रही है। वीडियो में एक व्यक्ति वहाँ मौजूद लोगों को शपथ दिलाते हुए कह रहा है, “मैं गौरी, गणपति इत्यादि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूँगा और ना ही कभी उनकी पूजा करूँगा। मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूँगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।”
बाद में मेयर ने दी सफाई
मामला गरमाने पर महापौर हेमा ने सफाई पेश की है। राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि “वह एक राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन था जिसमें मैं विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थी। इस कार्यक्रम में बाबा साहब अंबेडकर के पौते भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में अचानक शपथ लेनी की बात तय हुई। हमें शपथ कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी।”
हेमा देशमुख ने आगे कहा कि उन्होंने जब भगवान के बारे में अपमानजनक और उलटी-सीधी बातें कही तो मैंने शपथ नहीं ली और तुरंत उस कार्यक्रम से चली गई। मैं हिंदू धर्म से जुड़ी हूं इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा कि भगवान का अपमान हुआ है।
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