पूरी संभावना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन दूसरी बार राष्ट्रपति की कुर्सी पर नहीं बैठ पाएंगे। न तो अधिकांश जनता चाहती है कि बाइडेन दुबारा गद्दी पर बैठें, न ही एक्जिट पोल। पोल के नतीजे भी कहते हैं कि बाइडेन दूसरे कार्यकाल के लिए नहीं चुने जाने वाले। एग्जिट पोल के नतीजों पर गौर करें तो कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं।
सबसे पहले तो, अमेरिकी जनता बाइडेन के कार्यकाल से खुश नहीं है। वह नहीं चाहती कि अगली बार बाइडेन राष्ट्रपति बनें। एग्जिट पोल बताते हैं कि दस में से सात मतदाताओं का कहना है कि अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में है। दो और मुद्दे बाइडेन के कार्यकाल में बड़ी जोर—शोर से उठे हैं—महंगाई तथा गर्भपात।
दरअसल कल अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के लिए मतदान संपन्न हुआ है। शोध बताती है कि अमेरिका के मतदाताओं ने मतदान के वक्त महंगाई और गर्भपात के मुद्दे पर ज्यादा गौर किया है। इतना ही नहीं, देश में बढ़ते अपराध, आप्रवासन की मुश्किलें और पिस्तौल—बंदूक की संस्कृति भी मतदाताओं के निर्णय पर हावी दिखी। ये मुद्दे आम जनता की चिंता की वजहें बनते रहे हैं। एग्जिट पोल से यह बात उभरकर सामने आई कि अमेरिका की जनता इन मुद्दों के आलोक में बाइडेन के कार्यकाल से प्रसन्न नहीं दिख रही है, वह नहीं चाहती है कि अगली बार भी उन्हें राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन ही मिलें।
सुप्रसिद्ध शोध संस्था ‘एडिसन रिसर्च’ के अनुसार, आज दस में से छह मतदाता तो गर्भपात को लेकर अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बारे में ‘असंतुष्ट अथवा नाराज’ दिखे हैं। लगभग इतने ही मतदाताओं का कहना है कि गर्भपात कानूनन वैध होना चाहिए। साथ ही, दस में से करीब तीन मतदाताओं का कहना है कि महंगाई तथा गर्भपात को कानूनी जामा पहनाना उनकी सबसे प्राथमिक चिंता के विषय थे। तो दस में से करीब एक मतदाता का कहना है कि अपराध, इमिग्रेशन तथा बंदूक रखने को लेकर कोई नीति उनकी सबसे बड़ी चिंताएं हैं।
ये एग्जिट पोल एडिसन रिसर्च के शोध के आधार पर तैयार किया गया है। हैरान करने वाली एक और बात सामने आई है कि दस में से सात मतदाताओं का कहना है कि अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में है। एग्जिट पोल स्पष्ट बता रहा है कि राष्ट्रपति बाइडेन के विरुद्ध अमेरिका में विरोध की लहर बहुत तेजी से फैल रही है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव एक बड़ी बात माने जाते हैं, इनका काफी महत्व होता है। कारण, इन्हें जीतने वाला अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की 435 सीटों और अमेरिकी सीनेट की 35 खाली सीटों पर दबदबा रखेगा। मुद्दे कीबात है कि रिपब्लिकन पार्टी ने बढ़ती कीमतों तथा अपराध को लेकर बाइडेन सरकार पर खूब कीचड़ उछाली है। अमेरिकी चुनाव आयोग का कहना है कि लगभग 43 मिलियन अमेरिकी लोगों ने अपने वोट व्यक्तिगत तौर पर या डाक के जरिए डाले हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सभी सीटों के नतीजे साफ होने में करीब एक सप्ताह या उससे अधिक का वक्त लग सकता है।
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