देव दीपावली की इस तरह हुई शुरुआत, होती है अरुणाचलम पर्वत की परिक्रमा, महारानी अहिल्याबाई होल्कर से भी जुड़ा है प्रसंग
Wednesday, March 29, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

देव दीपावली की इस तरह हुई शुरुआत, होती है अरुणाचलम पर्वत की परिक्रमा, महारानी अहिल्याबाई होल्कर से भी जुड़ा है प्रसंग

मान्यता है कि महाभारत के विनाशकारी युद्ध में योद्धाओं और सगे-संबंधियों की मृत्यु से दुखी महाराज युधिष्ठिर ने भाइयों के साथ गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व यज्ञ किया था।

WEB DESK by WEB DESK
Nov 7, 2022, 11:40 am IST
in भारत, संस्कृति
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

तीनों लोक से न्यारी काशी में प्रकाश का पर्व दो-दो बार मनाया जाता है। पहला कार्तिक कृष्ण अमावस्या को और दूसरा कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को। अमावस्या को जब दीपावली मनाते हैं तो गणेश व लक्ष्मी का पूजन किया जाता है क्योंकि उस समय सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अपनी चातुर्मासीय योगनिद्रा में लीन होते हैं। देवोत्थान एकादशी को श्रीहरि जब अपनी योगनिद्रा त्याग कर जागृत होते हैं तो उनके स्वागत में देवगण काशी के पावन घाटों पर देव दीपावली का उत्सव मनाकर श्री हरि और मां लक्ष्मी का वंदन करते हैं।

महादेव ने किया था त्रिपुर असुरों का अंत

एक अन्य पौराणिक प्रसंग जो देवदीपावली उत्सव को आधार देता है, वह है महादेव द्वारा तारकासुर के तीन महाबलशाली पुत्रों का अंत। स्कन्द पुराण के कथानक के अनुसार शिवपुत्र कार्तिकेय द्वारा तारकासुर के वध से क्रोधित उसके तीनों पुत्रों (तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली) ने बदला लेने के लिए घोर तपस्या से ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर ऐसा वरदान प्राप्त कर लिया कि उन्हें जीतना असंभव हो गया। उन तीनों महाअसुरों ने असुर शिल्पी मयदानव से अंतरिक्ष में तैरने वाली तीन जादुई नगरियों स्वर्णपुरी, रजतपुरी और लौहपुरी का निर्माण कराया। ब्रह्मा जी से यह वर मिला था कि जब ये तीनों जादुई नगरियां अभिजित नक्षत्र में एक सीधी रेखा में आएं और उस वक्त यदि कोई क्रोधजित महायोगी असंभव रथ पर सवार होकर उन पर असंभव बाण का संधान करे तो ही उनकी मृत्यु हो सके। इस वरदान के कारण जब उन दानवों के आतंक से चहुंओर त्राहि त्राहि मच गयी तब देवशक्तियों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने उन असुरों के अंत के लिए माया रची। उन्होंने पृथ्वी को अपना रथ बनाया, जिसमें सूर्य व चन्द्रमा उस रथ के पहिये बने। ब्रह्मा जी सारथी और विष्णु जी बाण बने; मेरुपर्वत उनका धनुष बना और नागराज वासुकि उस धनुष की प्रत्यंचा। महायोगी शिव ने अभिजित नक्षत्र में उन तीनों पुरियों के एक सीध में आते ही अपने विलक्षण बाण का संधान कर उनमें मौजूद तीनों महादैत्यों का अंत कर दिया। वह पावन तिथि थी कार्तिक पूर्णिमा। तीनों महाअसुरों के आतंक से मुक्त होने की खुशी में सभी देवताओं ने काशी के घाटों पर दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया। वह शिव नगरी की प्रथम देव दीपावली थी।

कार्तिक पूर्णिमा से जुड़े पौराणिक संन्दर्भ

एक बार काशी के राजा दिवोदास ने देवताओं की किसी बात पर नाराज होकर उनका अपने राज्य में प्रवेश प्रतिबन्धित कर दिया। तब भगवान शंकर ने दिवोदास व देवों में सुलह करवाई जिस पर देवताओं ने काशी में प्रवेश कर कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपावली मनायी। मान्यता है कि इसी दिन प्रलयकाल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। महाभारत के विनाशकारी युद्ध में योद्धाओं और सगे संबंधियों की मृत्यु से दुखी महाराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों के साथ गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व यज्ञ किया था। तभी से कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान की परम्परा शुरू हो गयी। इस दिन गंगास्नान सर्वाधिक फलदायी माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तमिलनाडु में अरुणाचलम पर्वत की 13 किमी की परिक्रमा होती है, जिसमें भाग लेकर लाखों लोग पुण्य कमाते हैं। यह दिन बहुत खास है क्योंकि इसी दिन गुरु नानकदेवजी का जन्म भी हुआ था।

मनोमुग्धकारी आकाशगंगा का पावन संदेश

काशी देश की इकलौती ऐसी नगरी है जहां का देव दीपावली महोत्सव देश-दुनिया में अनूठी पहचान बना चुका है। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से यह दीप महोत्सव शुरू हुआ था। देव दीपावली की आधुनिक परम्परा की शुरुआत 1915 में पंचगंगा घाट में हजारों दिये जलाकर की गई थी। देव-दीपावली उत्सव को आधुनिक रूप स्वरूप में लाने के पीछे महारानी अहिल्याबाई होलकर का अविस्मरणीय योगदान है। महारानी होलकर ने प्रसिद्ध पंचगंगा घाट पर एक हजार दीपों वाला एक भव्य प्रस्तर स्तम्भ स्थापित कर इस उत्सव को परंपरा और आधुनिकता का जो अनूठा रूप दिया, वह आज तक कायम है। देव दीपावली के दिन पंचगंगा घाट का यह “हजारा दीपस्तंभ” 1001 दीपों की लौ से जगमग होकर प्रत्येक भावनाशील श्रद्धालु को “तमसो मा ज्योर्तिगमय” का पावन संदेश देता है। देव दीपावली उत्सव को भव्यता प्रदान करने में पूर्व काशी नरेश स्वर्गीय डॉ. विभूतिनारायण सिंह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। काशी नरेश के सहयोग से स्वामी रामनरेशाचार्य जी, नारायण गुरु किशोरी रमण दुबे “बाबू महाराज” (गंगोत्री सेवा समिति, दशाश्वमेध घाट), सत्येन्द्र मिश्र “मुन्नन जी” (गंगा सेवानिधि) तथा कन्हैया त्रिपाठी (गंगा सेवा समिति) ने इस समारोह को भव्य आयाम प्रदान किया। आज देवदीपावली के इस भव्य उत्सव में मुख्य सहभागी होते हैं- काशी, काशी के घाट और काशी के लोग। इस विश्वविख्यात आयोजन में जब रविदास घाट से लेकर आदि केशव तक के समस्त ऐतिहासिक घाटों के समेत वरुणा के तट एवं घाटों पर स्थित देवालय, महल, भवन, मठ-आश्रम जब असंख्य दीपकों और झालरों की रोशनी से जगमगा उठते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि मानो काशी में समूची आकाशगंगा ही उतर आयी हो।

Topics: कार्तिक पूर्णिमाDev DeepawaliKartik PurnimaGuru Nanak GurpurabGuru Nanakअरुणाचलम पर्वतमहारानी अहिल्याबाई होल्करArunachalam MountainsMaharani Ahilyabai HolkarDiwaliदेव दीपावली
Share1TweetSendShareSend
Previous News

दक्षिण 24 परगना से अलकायदा आतंकी मनीरुदीन गिरफ्तार, भाजपा नेता दिलीप घोष बोले-बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है राज्य

Next News

हिंसा में हिन्दू संगठनों का कोई हाथ नहीं, ब्रिटेन के थिंक टैंक की जांच का नतीजा

संबंधित समाचार

मानस में कूटनीति और विदेश नीति

मानस में कूटनीति और विदेश नीति

गंगा में डुबकी लगाने पहुंचा आस्था का सैलाब, ऋषिकेश से लेकर बदायूं तक गंगा किनारे लगे मेले

गंगा में डुबकी लगाने पहुंचा आस्था का सैलाब, ऋषिकेश से लेकर बदायूं तक गंगा किनारे लगे मेले

आस्था की डुबकी लगाने लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

आस्था की डुबकी लगाने लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

देव दीपावली: फूलों से भव्य सजेगा श्री काशी विश्वनाथ धाम, घाटों को 10 लाख दीयों से रोशन कर नया रिकॉर्ड बनाएगी योगी सरकार

देव दीपावली: फूलों से भव्य सजेगा श्री काशी विश्वनाथ धाम, घाटों को 10 लाख दीयों से रोशन कर नया रिकॉर्ड बनाएगी योगी सरकार

पुलिस रिमांड में राज उगल रहा लश्कर आतंकी तालिब, पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पहुंचते थे हथियार और पैसे

नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, दीपावली की रात तीन बार की ड्रोन घुसपैठ की कोशिश

अमेरिका के व्हाइट हाउस में धूमधाम से मनाई गई दीपावली

अमेरिका के व्हाइट हाउस में धूमधाम से मनाई गई दीपावली

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आंतरिक प्रबंधन’ के जनक राम

‘आंतरिक प्रबंधन’ के जनक राम

लोकमत परिष्कार करने वाले राम

लोकमत परिष्कार करने वाले राम

साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत डायल करें ये नंबर

साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत डायल करें ये नंबर

‘जहां जाता हूं लोग कहते हैं मोदी जी रुकना मत भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होनी चाहिए’

‘जहां जाता हूं लोग कहते हैं मोदी जी रुकना मत भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होनी चाहिए’

प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि आखिर उन्होंने क्यों छोड़ा बॉलीवुड, समर्थन में आगे आईं कंगना रनौत

प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि आखिर उन्होंने क्यों छोड़ा बॉलीवुड, समर्थन में आगे आईं कंगना रनौत

जल्द ही दो दमदार गाड़ी लॉन्च करेगी मारुति, 40 किमी. प्रति लीटर का मिल सकेगा माइलेज

जल्द ही दो दमदार गाड़ी लॉन्च करेगी मारुति, 40 किमी. प्रति लीटर का मिल सकेगा माइलेज

समझें कन्या पूजन की महत्ता !

समझें कन्या पूजन की महत्ता !

नकली दवाइयां बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 18 के लाइसेंस रद्द

नकली दवाइयां बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 18 के लाइसेंस रद्द

आर्थिक प्रगति के लिए बैंकों को वित्तीय संतुलन बनाए रखने की जरूरत : राष्ट्रपति मुर्मू

आर्थिक प्रगति के लिए बैंकों को वित्तीय संतुलन बनाए रखने की जरूरत : राष्ट्रपति मुर्मू

विश्व को शिक्षा देने के लिए हुई थी विश्व भारती की स्थापना : राष्ट्रपति मुर्मू

विश्व को शिक्षा देने के लिए हुई थी विश्व भारती की स्थापना : राष्ट्रपति मुर्मू

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies