झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार तुष्टीकरण में शामिल तो थी ही, अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी सरकार की सोच को आगे बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में संपन्न छठ पूजा के दौरान एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मामला रामगढ़ का है। उल्लेखनीय है कि रामगढ़ शहर से छठ घाट जाने वाला रास्ता मुस्लिम मोहल्ले से होकर गुजरता है। छठ के दौरान उस रास्ते पर असामाजिक तत्वों ने अंडे के छिलके, मांस के टुकड़े और घर का कचरा फेंक दिया गया।
वहां से गुजरने वाले एक श्रद्धालु ने जब इस कचरे को देखा तो छठ पूजा समिति के लोगों को और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को भी बुलाया। इस घटना के बाद छठ पूजा समिति के लोगों ने पुलिस—प्रशासन से अविलंब संज्ञान लेने की बात कही और रास्ते की साफ—सफाई में जुट गए। लोगों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। छठ पूजा संपन्न होने के बाद छठ पूजा समिति सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और कई ग्रामीणों ने मिलकर रामगढ़ थाने में जाकर इन असामाजिक तत्वों की शिकायत करते हुए उन पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। लेकिन पुलिस ने असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न कर छठ पूजा समिति और आवेदन देने के लिए गए हुए 28 लोगों पर ही मामला दर्ज कर दिया।
यह मामला खुद रामगढ़ थाना प्रभारी सुशील कुमार ने दर्ज किया। उनके लिखित आवेदन में कहा गया है कि शिकायत करने के लिए काफी संख्या में आए हुए लोगों ने सरकारी कामकाज में बाधा डाला, सड़क जाम किया और थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की।
हालांकि शिकायत करने गए लोगों का कहना है कि छठ समापन की सुबह में सड़क पर पहले से ही जाम की स्थिति बनी हुई थी, ऊपर से इस तरह की घटना होने के बाद हिंदुओं में आक्रोश था। एक तरफ तो सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और हिन्दू कार्यकर्ता प्रशासन को आवेदन देने के लिए गए थे। छठ घाट पर कोई हंगामा न हो इसके लिए हिंदू कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन का सहयोग करते रहे। फिर भी पुलिस ने आवेदन देने गए लोगों पर ही कार्रवाई कर दी। एक तरफ तो लोगों की भावनाएं आहत हुईं, दूसरी तरफ पुलिस का यह रवैया काफी आश्चर्यजनक है।
इस मामले पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक असामाजिक तत्वों ने छठ घाट को अपवित्र करने की कोशिश की और पुलिस ने शिकायत करने वालों पर ही मामला दर्ज कर दिया। उन्होंने इस मामले को एकपक्षीय और दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए झारखंड पुलिस के उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही।
इस मामले पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि असामाजिक तत्वों ने एक तो छठ घाट को अपवित्र करने की कोशिश की और पुलिस ने इसकी शिकायत करने वालों पर ही मामला दर्ज कर दिया। उन्होंने इस मामले को एकपक्षीय और दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए झारखंड पुलिस के उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही।
बीते दिनों रामगढ़ में एक छठ घाट को असामाजिक तत्वों ने अपवित्र करने की कोशिश की, प्रशासन ने खुद आकर आकर सारे चीज़ों को देखा।
लेकिन प्रशासन ने अपराधियों को पकड़ने के बजाय शिकायतकर्ताओं के ऊपर ही कई धाराओं के तहत 24 लोगों पर मुकदमें दर्ज करा दिया मानो वह कितने संगीन अपराधी हो।
मामला pic.twitter.com/nigDD2Sf7J— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 7, 2022
दुर्गा वाहिनी रामगढ़ जिला संयोजिका अनामिका श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदुओं पर एकतरफा दबाव बनाने और सरकार की तुष्टीकरण नीति को हवा देने के लिए रामगढ़ के समाजसेवियों और हिन्दू कार्यकर्ताओं पर फर्जी कहानी बनाते हुए मामले दर्ज किए गए हैं। अगर किसी हिन्दू कार्यकर्ता ने थाने या रास्ते पर हंगामा किया है तो पुलिस को थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज जारी करना चाहिए या फिर इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए।
आपको बता दें झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कई क्षेत्रों में छठ पूजा को काफी महत्व दिया जाता है। इस पर्व में साफ-सफाई और स्वच्छता पर काफी जोर दिया जाता है। यही कारण है कि छठ व्रतियों के लिए घाट जाने वाले रास्ते की भी साफ—सफाई की जाती है, ताकि किसी भी प्रकार से उनके व्रत में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो और शुद्धता बनी रहे।
रामगढ़ थाना प्रभारी के इस रवैए के बाद भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने रामगढ़ पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे से मिलकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। हालांकि पुलिस अधीक्षक ने निष्पक्ष जांच करने और दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की बात तो कही है, लेकिन यह कार्रवाई पुलिस प्रशासन की नीयत पर भी सवाल जरूर खड़े करती है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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