शासन के निर्देशों के बाद हुई जांच में जिले के अंदर भी 43 गैर पंजीकृत अवैध रूप से मदरसे संचालित पाए गए। जिसके बाद संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने इन मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अधिकारी अमित सोनकर ने बताया कि बिना पंजीकरण के संचालित मदरसे बंद किए जाएंगे। साथ ही इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से जिले में मदरसे संचालित किये जाते हैं। विभाग से इन मदरसों की समस्त शैक्षणिक गतिविधियां व परीक्षाएं तक आयोजित कराई जाती है। इधर कुछ माह पहले शासन में प्रदेश के अंदर संचालित मदरसों में पंजीकृत व गैर पंजीकृत की स्थिति जानने के लिए वृहद स्तर पर जांच की कवायद पूरी की गई। जिसके तहत जिले में भी तहसीलवार इन मदरसों की जांच की गई। जांच में सदर तहसील के अंदर संचालित अवैध मदरसों की संख्या अधिक पाई गई।
प्रशासन के आदेश पर इस बाबत जिला व तहसील स्तरीय टीमें बनवाकर जांच करवाई गई थी। जिसमें तहसील के अधिकारियों के साथ खंड शिक्षाधिकारियों ने अपने ब्लॉक क्षेत्रों में मदरसों की जांच की थी। जांच के दौरान सदर, सफीपुर, बांगरमऊ, हसनगंज व बीघापुर में अवैध मदरसे संचालित पाए गए। गौरतलब है कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से दिए विवरण के मुताबिक जिले में पंजीकृत मदरसों की संख्या 401 है। जिसमे सदर में 15,सफीपुर में 09,बागरमऊ में 11,हसनगंज में 3,बीघापुर में 5 गैर पंजिकृत मदरसे पाए गए।
टिप्पणियाँ