भले ही हेमंत सोरेन कह रहे हों कि वे ईडी के समन से डरने वाले नहीं हैं, पर एक बात तो तय है कि वे बुरी तरह फंस चुके हैं। आज नहीं तो कल उन्हें ईडी के सामने पूछताछ के लिए हाजिर होना ही पड़ेगा।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने हेमंत सोरेन को 1,000 करोड़ रु के अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। आज हेमंत को रांची स्थित ईडी कार्यालय में लगभग 11.30 बजे बुलाया गया है। ईडी का बुलावा मिलते ही राज्य सरकार विशेषज्ञों से राय लेने लगी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह भी साफ कर दिया है कि हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय नहीं जा रहे हैं। आज वे रायपुर में आयोजित जनजाति नृत्य महोत्सव में जाएंगे, जो पहले से निर्धारित है। वहीं 2 नवंबर को हेमंत सोरेन ने साहिबगंज में एक कार्यक्रम में कहा, ”विपक्ष के आग्रह पर ईडी ने हमें बुलाया है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”
इस घटना के बाद विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा जाने लगा है। भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने पूरे राज्य को गुंडों, दलालों, बिचौलियों और बेईमान अफसरों के हवाले कर खुद लूट का माल बटोरने और खपाने का रास्ता खोजने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर आपने लूटा है तो सजा भी भुगतने के लिए तैयार रहें। अगर आप बेकसूर हैं तो बेदाग निकल जाएंगे।
ईडी के सूत्रों के अनुसार यदि आज हेमंत सोरेन ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए तो उन्हें शीघ्र ही दूसरा समन भेजा जाएगा। फिर भी वे नहीं मानेंगे तो तीसरा समन भेजा जाएगा। तीसरे समन के बाद भी हेमंत सोरेन हाजिर नहीं होंगे तो ईडी कानूनी कार्रवाई कर सकती है। यानी हेमंत अब चाहे कुछ भी कर लें, उन्हें ईडी के सामने हाजिर होना ही होगा।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने हेमंत सोरेन से पूछताछ करने का निर्णय उन तथ्यों के मिलने के बाद लिया है, जो अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार लोगों से मिले हैं।
बता दें कि अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, हेमंत सोरेन के करीबी प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल सहित 24 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। छापेमारी के दौरान पंकज मिश्रा के घर से हेमंत सोरेन की चेक बुक मिली थी और उन पर उनके हस्ताक्षर भी थे। इसलिए इस मामले को ईडी ने गंभीरता से लिया है।
आपको बता दें कि पिछले 6 महीने से ईडी झारखंड में काफी सक्रिय है। मनरेगा घोटाले से लेकर 1,000 करोड़ रु के अवैध खनन के मामले में कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ रही है।
यह पूरा प्रकरण राज्य की खनन सचिव रहीं पूजा सिंघल से ही शुरू हुआ था। पूजा सिंघल के बाद एक के बाद एक कई छापेमारी और गिरफ्तारियां हुईं। इसके साथ ही ईडी ने करोड़ों रुपए और महंगी गाड़ियों को भी अपने कब्जे में लिया है। अवैध खनन के मामले में जिस तरह के सबूत मिल रहे थे, तभी अंदाज लग गया था कि जांच की आंच हेमंत सोरेन तक भी पहुंचेगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि उस आंच से अब हेमंत सोरेन झुलसने लगे हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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