नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एनसीपीसीआर) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है। अभी तक दिल्ली की राज्य सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। बच्चे स्कूल आने जाने में, खेल के मैदानों में जहरीली हवा के प्रकोप में है। ये लापरवाही गलत है, इस पर तुरंत कोई कदम उठाया जाना चाहिए।
प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उन्होंने पूछा है कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों में कितने स्मॉग टावर लगाए गए हैं। कानूनगो ने कहा कि अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम बच्चों के स्कूल बंद कर दिए जाएं। ताकि प्रदूषण का असर बच्चों पर कम से कम पड़े। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इसके साथ ही अन्य राज्यों में भी बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर पर हम नजर बनाए हुए हैं।
भाजपा ने उपराज्यपाल से की अपील
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। मैदान में या बाहर जाने पर बच्चों को सांस संबंधी परेशानी हो रही है, जोकि गंभीर मामला है, लिहाजा बच्चों को कुछ दिनों के लिए स्कूल की बजाय ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हर सातवां व्यक्ति सांस की बीमारी से परेशान है और हर दूसरा बच्चा फिलहाल प्रदूषण संबंधी बीमारियों से ग्रसित है। ऐसे गंभीर प्रदूषण में बच्चों को खुले मैदान में या फिर घर से बाहर भेजना उन्हें बीमार कर रहा है। ऐसे में बच्चों को फिलहाल छुट्टी दे दी जाए और उन्हें घर से ही ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जाए। यह व्यवस्था प्रदूषण कम होने तक जारी रहे ताकि बच्चों को बीमार पड़ने से बचाया जा सके।
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