मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त कार्रवाई की है। डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को रिश्वत के मामले में दोषी पाए जाने पर डिप्टी एसपी को उप निरीक्षक के पद पर रिवर्ट कर दिया गया। रामपुर जनपद में विद्या किशोर शर्मा क्षेत्राधिकारी, सदर के पद पर तैनात थे। विद्या किशोर शर्मा उप निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे और प्रोन्नति पाते हुए डिप्टी एसपी के पद तक पहुंचे थे। भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की गई।
करीब एक वर्ष पूर्व डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। रामपुर जनपद में मुख्यमंत्री की जनसभा से ठीक पहले एक पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर, रामवीर यादव ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता का यह भी आरोप था कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। इस मामले में एक वीडियो सामने आया था। उस वीडियो में डिप्टी एसपी विद्या किशोर वर्मा पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे थे।
यह मामला जब उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तब अस्पताल संचालक विनोद यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। तत्कालीन डिप्टी एसपी को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद इस प्रकरण की जांच शासन से कराए जाने के आदेश दिए गए। शासन के आदेश पर हो रही जांच में भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। इसके बाद शासन ने डिप्टी एसपी पर कड़ी कार्रवाई की।
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