राजनीति और रक्तपात : डर के साये में बंगाल की महिलाएं
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

राजनीति और रक्तपात : डर के साये में बंगाल की महिलाएं

पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति पर भाजपा की पूर्व राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली ने कहा कि रक्तरंजित बंगाल में महिलाएं खौफ और घुटन में हैं, लेकिन यह खुली आंखों से नहीं दिखेगा। बंगाल में कोई मां अपने बच्चे को बाजार सामान लाने के लिए भेजने के बाद निश्चित नहीं बैठती। थोड़ी भी देर होने पर उसके मन में बुरे विचार आने लगते हैं, क्योंकि वहां किसी को भी मार कर पेड़ पर टांग दिया जाता है

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Nov 2, 2022, 02:30 pm IST
in भारत, विश्लेषण, मत अभिमत, पश्चिम बंगाल
पूर्व राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली

पूर्व राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बंगाल में अराजकता चरम पर है। राज्य की महिलाएं हमेशा खौफ और घुटन में रहती हैं। वहां लोगों को मार कर पेड़ पर टांग दिया जाता है। महिलाओं से रोजाना बलात्कार होते हैं, परे ये खबरें मीडिया में नहीं आतीं। भाजपा नेता रूपा गांगुली से क्षिप्रा माथुर ने बातचीत की

 

गुजरात के कर्णावती में साबरमती संवाद में अभिनेत्री और भाजपा की पूर्व राज्य सभा सांसद रूपा गांगुली ने अपने विचार रखे। पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कहा कि रक्तरंजित बंगाल में महिलाएं खौफ और घुटन में हैं, लेकिन यह खुली आंखों से नहीं दिखेगा। बंगाल में कोई मां अपने बच्चे को बाजार सामान लाने के लिए भेजने के बाद निश्चित नहीं बैठती। थोड़ी भी देर होने पर उसके मन में बुरे विचार आने लगते हैं, क्योंकि वहां किसी को भी मार कर पेड़ पर टांग दिया जाता है। शव को पहचानना भी मुश्किल होता है। केवल कपड़ों से ही उसकी पहचान की जा सकती है। हम उन्हीं माताओं में से एक हैं, जो यह जानकर भगवान का धन्यवाद करती है कि उसका बेटा जिंदा है।

उन्होंने कहा कि बंगाल की ज्यादातर खबरें लोगों तक चुनाव के दौरान ही पहुंचती हैं, क्योंकि चुनाव के समय देशभर से पत्रकार राज्य में पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में तो बड़ी घटनाएं भी खबर नहीं बनतीं। राज्य के कुछ साहसी पत्रकारों की वजह से ही एक-दो खबरें बाहर आ पाती हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा को वोट देने वाले लोगों को पकड़-पकड़ कर मार रहे हैं। जिन लोगों ने भाजपा का झंडा पकड़ा, उनका तो गला ही काट दिया गया। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुसलमान ही हिंदू को मार रहा है। वहां मुसलमान भी मुसलमान को मार रहा है।

पश्चिम बंगाल मेरी जन्मस्थली है। यदि राज्य की स्थिति ठीक होती तो मैं कभी भी राजनीति में नहीं आती। यहां महिलाएं और बहनें हमेशा खौफ के साये में रहती हैं। यहां की जनता को तय करना पड़ेगा कि अपराधी कौन है?

रूपा गांगुली ने कहा कि ममता बनर्जी ने गुंडों को जेल से निकालकर सिंहासन पर बैठा दिया है, जो बंगाल में चुन-चुन कर भाजपा कार्यकर्ताओं की पत्नियों से बलात्कार करते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मोमिनपुर में हिंदुओं को क्यों मारा गया? मुसलमानों ने हिंदुओं के घर क्यों जलाए? अब तक ममता ने किसी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?

भाजपा नेता को वहां क्यों नहीं जाने दिया? अगर राज्य में कानून-व्यवस्था दुरुस्त होती तो क्या बेगुनाह लोगों को पकड़ कर थाने ले जाते? उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 2021 के बाद ही यह पता चल गया था कि अगर आप टीएमसी के अलावा किसी और को वोट देते हैं तो आपका जिंदा बच कर आना मुश्किल है। वहां रोज एक बेटी से निर्भया जैसी वारदात होती है। यहां तक कि गर्भवती और दिव्यांग महिला को भी नहीं छोड़ा जाता है। लेकिन ऐसी खबरें लोगों के सामने नहीं आ पातीं।

पश्चिम बंगाल में पलायन को लेकर पूर्व सांसद ने कहा, पलायन का दर्द क्या होता है, मैं जानती हूं। जब मैं कक्षा सात में पढ़ती थी, तब मुझे बांग्लादेश से पलायन करना पड़ा था। मेरे पिताजी बांग्लादेश में रहते थे, लेकिन बंटवारे से पहले मां-पिताजी बंगाल आ गए थे। बांग्लादेश की आजादी के बाद वे फिर वहीं चले गए। लेकिन उनकी जमीन-जायदाद पर दूसरों ने कब्जा कर लिया था।

वह भटकते रहे, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इसके बाद वे दिनाछोर में चले गए। सर्दी की छुट्टियों में पिताजी के पास जाना हुआ। एक दिन हम पढ़ रहे थे, तभी कुछ मुसलमान आए। मां सिलाई के कपड़े इन्हीं लोगों को देती थीं। उन्होंने पिताजी से कहा कि भाभी और रूपा को यहां से जल्दी निकालो। बहुत देर तक हमें यह समझ में नहीं आया कि कौन हमें अगवा करना चाहता था और कौन बचा रहा था? ढाका पहुंचने के बाद ही हमने राहत की सांस ली।

Topics: बंगाल में अराजकताWomen of Bengal in the shadow of fear Pain of migrationindependence of Bangladeshchaos in BengalRoopa Gangulyपलायन का दर्द क्या होता हैपलायन का दर्दरूपा गांगुलीबांग्लादेश की आजादी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बांग्लादेश की आजादी संघर्ष

बांग्लादेश के संघर्ष में आम जनता और बौद्धिक वर्ग पर अत्याचार

एबीवीपी के मिशन साहसी कार्यक्रम में छात्राओं को दी गई आत्मरक्षा की ट्रेनिंग

कोलकाता में एबीवीपी का मिशन साहसी, मेडिकल की सैकड़ों छात्राएं हुईं शामिल, रश्मि सामंत और रूपा गांगुली भी रहीं मौजूद

पलायन का दर्द क्या होता है, जानती हूं; बुर्का पहनकर भागना पड़ा था : रूपा गांगुली

बंगाल की मौजूदा स्थिति पर बोलीं रूपा गांगुली; ‘डर और खौफ के साये में हैं महिलाएं’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (चित्र- प्रतीकात्मक)

आज़ाद मलिक पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह, ED ने जब्त किए 20 हजार पन्नों के गोपनीय दस्तावेज

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर

कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर ढेर: अमेरिका बोला ‘Thank you India’

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies