मेरठ के मंगतपुरम क्षेत्र में 400 गरीब वंचित हिंदुओं को ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन देकर मतांतरण कराने के मामले में दो और लोगों को नामजद किया गया है। पहले नौ लोग नामजद थे, जिसमें से आठ लोगों को जेल भेजा जा चुका है। यूपी में मतांतरण की इस बड़ी घटना से पुलिस और खुफिया महकमा की खासी किरकिरी हुई है। लखनऊ और दिल्ली के गृह मंत्रालय ने इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
इस मामले में जांच पड़ताल कर रहे एसपी सिटी प्रत्यूष सिंह के मुताबिक पुलिस जांच में दो नाम और सामने आए हैं, महेश पास्टर और अनिल पास्टर। इन्हें भी जांच के बाद नामजद कर दिया गया है और इनकी तलाश की जा रही है। एसपी के मुताबिक इस मतांतरण के षडयंत्र के पीछे महेश पास्टर का दिमाग काम कर रहा था और ये दिल्ली से यहां आता जाता रहा है। इसी आरोपी ने कोविड के दौरान यहां के हिंदू समाज के लोगों में राशन, दवा और ईसाई पंथ से ताल्लुक रखने वाला साहित्य बांटा।
खबर है कि लॉकडॉउन के दौरान घरों में ईसा मसीह का साहित्य, मोमबत्ती की रोशनी में पढ़वाया जाता था। पुलिस के मुताबिक पूर्व में जिन नौ लोगों को नामजद किया गया था उसमें आठ लोग जेल भेजे गए हैं, जबकि शिवा छबीली नाम का युवक अभी फरार है। एसपी प्रत्यूष सिंह के मुताबिक जांच में हम आरोपियों को मिलने वाली फंडिंग के स्रोतों की भी जांच करवाई जा रही है।
हिंदू धर्म के करीब 400 लोगों के ईसाई पंथ अपनाए जाने की खबर देश के मीडिया में सुर्खियां बनती जा रही है। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। मतांतरण की इस घटना ने यूपी और दिल्ली की सरकार को हिला कर रख दिया है। निर्मोही अखाड़ा के महा मंडलेश्वर महेंद्र पाल ने इस घटना पर चिंता जाहिर करते सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
काल रात्रि पीठाधीव के पीठाधीश्वर अखिल दास ने मतांतरण की इस घटना की चिंता करते हुए कहा है कि इस घटना के आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। विहिप ने भी वंचित समाज की रक्षा के लिए हिंदू रक्षक दल बनाए जाने की घोषणा की है।
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