ईरान में हिजाब के विरुद्ध पिछले छह हफ्तों से चल रहे आंदोलन में एक नई आक्रामकता देखने में आ रही है। वहां तेहरान में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों तथा सुरक्षा बलों के बीच तीखी झड़पें हुई हैं। पुलिस की कथित यातना से 22 साल की महसा अमिनी की मौत से भड़का आंदोलन नई करवट लेता दिखाई देता है। हालांकि ईरान में सबसे बलशाली माने जाने वाले अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने छात्रों को साफ चेतावनी दी थी कि शनिवार यानी 8 अक्तूबर के बाद से कैसा भी विरोध प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड प्रमुख होसैन सलामी ने शिराज शहर में एक सभा में बोलते हुए आंदोलनकारी युवाओं को कहा था कि अब प्रदर्शन बंद कर दें। लेकिन होसैनी की चेतावनी का उलटा असर हुआ और हिंसा और बढ़ गई है। होसैनी ने जिन युवाओं से विरोध प्रदर्शनों से दूर रहने को कहा था उन पर पुलिस की कथित कार्रवाई में नई तेजी देखी जा रही है। सीएनएन को मिले एक वीडियो में दो पुलिस वाले एक प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार करने की कोशिश करते देखे जा सकते हैं। यह वीडियो उत्तर पश्चिमी ईरान के सानंदाज तकनीकी कॉलेज का बताया जाता है। इधर राजधानी तेहरान में सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूहों का दावा है कि आज़ाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों तथा सादे कपड़े पहने पुलिस वालों के बीच तीखी झड़पें हुईं।
22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत 16 सितंबर को पुलिस की कथित यातना से हुई थी। उसके बाद से ही देशभर में ही नहीं, विदेशों तक में विरोध प्रदर्शन देखने में आ रहे हैं। महसा ईरान में हिजाब के कड़े कायदे के विरुद्ध मुखर थी। उसे कुछ महीने पहले हिजाब उतार फेंकने के ‘जुर्म’
में ईरान की ‘मोरल पुलिस’ ने गिरफ्तार किया था। कथित तौर पर पुलिस हिरासत में उसे इतना मारा पीटा गया कि वह कोमा में चली गई और अंतत: उसकी मौत हो गई। इसे लेकर ईरान में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा जो आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सीएनएन के वीडियो में डंडों से लैसे प्रदर्शनकारियों की एक भारी भीड़ दिखाई देती है। भीड़ पर आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं। तेहरान विश्वविद्यालय के छात्रों को पैदल मार्च करते तथा नारे लगाते देखा जा सकता है। एक समाचार एजेंसी ने तेहरान विश्वविद्यालय में छात्रों तथा प्रोफेसरों की एक विरोध सभा होने की जानकारी दी है। कुर्दिश अधिकार समूह ने जो वीडियो साझा किया है उसमें तो गोलियां चलने तक की आवाज सुनी जा सकती है।
साफ है कि ईरान में आम नागरिकों के समर्थन से हिजाब विरोधी आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। इसमें कहीं कोई ढील दिखाई नहीं दे रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि परिस्थितियां आने वाले दिनों में हिंसक झड़पों के और बढ़ने की तरफ संकेत कर रही हैं।
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