प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सौर ऊर्जा’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा में अपना भविष्य देख रही है जबकि भारत अपने सदियों पुराने पारंपरिक अनुभव को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है और आज सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाले अग्रणी देशों में से एक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 94वें संस्करण को संबोधित करते हुए छठ पूजा के अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘सूर्य पूजा हमारी संस्कृति के प्रकृति से गहरे जुड़ाव का प्रमाण है। मोदी ने छठ को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया, उन्होंने कहा कि यह त्योहार आज देश के विभिन्न हिस्सों में समुदायों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “छठ पूजा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का एक बेहतरीन उदाहरण है। दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है। विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं।” उन्होंने कहा, “स्थानीय उत्पादों के उत्पादन और स्वच्छता के मामले में जनभागीदारी के प्रयासों के बिना छठ पूजा अधूरी है।” छठ का पर्व जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी जोर देता है। इस पर्व के आने पर सामुदायिक स्तर पर सड़क, नदी, घाट, पानी के विभिन्न स्त्रोत, सबकी सफाई की जाती है। छठ का पर्व ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी उदाहरण है।
भारत के पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि सूर्य की पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “‘सौर ऊर्जा’ आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं। भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने सदियों पुराने पारंपरिक अनुभव को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है और आज सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाले अग्रणी देशों में से एक है। मोदी ने कहा, “क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि आप महीने भर बिजली का उपयोग करें और आपका बिजली बिल आने के बजाय, आपको बिजली के पैसे मिलें ? सौर ऊर्जा ने ये भी कर दिखाया है।”
देश के पहले सौर गांव गुजरात में मोढेरा के बारे में बात करते हुए, मोदी ने कहा, “मोढेरा गांव में लगभग सभी घर अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। वहां के लोग न केवल सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उपयोग कर रहे हैं बल्कि इससे कमाई भी कर रहे हैं। मोढेरा अब पूरे देश के लिए एक मॉडल बन गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “यह देखकर दूसरे गांवों के लोग मुझे अपने गांवों को सौर गांवों में बदलने के लिए लिख रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है और हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन को बदल रहा है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) के किसान थिरु के. एझिलन के बारे में बताया। मोदी ने कहा कि उन्होंने ‘पीएम कुसुम योजना’ का लाभ उठाया और अपने खेत में दस हॉर्स पावर का सोलर पंपसेट लगवाया। अब उन्हें अपने खेत के लिए बिजली पर कुछ भी खर्च नहीं करना होता है। इसी तरह भरतपुर (राजस्थान) के कमलजी मीणा ने सोलार बिजली से दूसरे कई छोटे उद्योगों को भी जोड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इसरो द्वारा 23 अक्टूबर को अंतरिक्ष में 36 ब्रॉडबैंड उपग्रहों के प्रक्षेपण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “मुझे उस समय की याद आ रही है जब भारत को क्रायोजेनिक रॉकेट तकनीक से देने से मना कर दिया गया था। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने न केवल स्वदेशी तकनीक विकसित की है बल्कि आज इसकी मदद से दर्जनों उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेज रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में युवाओं और निजी कंपनियों की भागीदारी से क्रांतिकारी बदलाव आया है।
प्रधानमंत्री ने छात्र शक्ति को केवल छात्र संघ चुनावों तक सीमित किये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसका दायरा बहुत विशाल है। मोदी ने कहा, “छात्र शक्ति भारत को शक्तिशाली बनाने का आधार है। अपनी प्रतिभा से युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयन्ती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उल्लेख करते हुए कहा, “इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जाता है। ये दौड़, देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है, हमारे युवाओं को प्रेरित करती है। अब से कुछ दिन पहले, ऐसी ही भावना, हमारे राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी देखी है। उन्होंने कहा कि यह भारत में राष्ट्रीय खेलों का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था।”
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