केंद्र सरकार की ओर से शुरू की योजनाओं का क्रियान्यवन करने में हिमाचल प्रदेश पूरे देश में कई अन्य राज्यों से कहीं आगे रहा है। जबकि कुछ योजनाएं जो हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र की तर्ज पर शुरू कीं उनके नतीजे भी आंकड़ों के लिहाज से काफी बेहतर हैं।
इस वर्ष के अंत तक पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। चूंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार और दोनों राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है, ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि बीते साढ़े चार वर्षों में इन राज्यों में डबल इंजन की सरकार ने क्या कार्य किए। हिमाचल प्रदेश में डबल इंजन सरकार के दौरान विकास की गति कितनी बढ़ी और सड़क, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित दूसरे क्षेत्रों में क्या कार्य हो रहे हैं। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का हिमाचल प्रदेश में क्रियान्यवन कैसा रहा और प्रदेश में केंद्र की तर्ज पर चल रही योजनाओं का क्या रूझान रहा।
आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू की योजनाओं का क्रियान्यवन करने में हिमाचल प्रदेश पूरे देश में कई अन्य राज्यों से कहीं आगे रहा है। जबकि कुछ योजनाएं जो हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र की तर्ज पर शुरू कीं उनके नतीजे भी आंकड़ों के लिहाज से काफी बेहतर हैं।
जल जीवन मिशन में 90 फीसदी कार्य पूरे
हर घर नल और जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई। पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में इस योजना ने देशभर में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हिमाचल में दिसम्बर 2017 में बीजेपी की सरकार बनी थी। उस समय तक हिमाचल में कुल 7.63 लाख नल कनेक्शन लगे थे।
जल जीवन मिशन के तहत ढाई साल में ही 8.35 लाख नल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर हिमाचल प्रदेश ने इस योजना के मामले में एक मील का पत्थर स्थापित किया है इस योजना पर लगभग 1 हजार 814 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। योजना के तहत हिमाचल प्रदेश 90 फीसदी घरों में शुद्ध पेयजल नल से उपलब्ध हो चुका है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और हमीरपुर जैसे जिलों में शतप्रतिशत कवरेज हासिल की जा चुकी है
घरेलू एलपीजी कनेक्शन में हिमाचल का रिकॉर्ड
महिलाओं के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की थी। चूल्हे के धुएं से होने वाली बीमारियों से महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र की ओर से जब यह योजना चलाई गई, तो इसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने गृहिणी सुविधा योजना शुरू की। उज्ज्वला योजना के तहत 1.37 लाख परिवारों को घरेलू गैस कनेक्शन बांटे गए, जिस पर करीब 22.39 करोड़ रुपये खर्च हुए।
इसी तर्ज पर शुरू हई गृहिणी सुविधा योजना के तहत 3.25 लाख परिवारों को घरेलू गैस कनेक्शन बांटे गए और इस पर करीब 131.22 करोड़ रुपये खर्च हुए। डबल इंजन की सरकार ने मिलकर इसमें 153 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर घर-घर मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाया। परिणाम यह निकला आज हिमाचल प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां हर घर में एलपीजी कनेक्शन है।
पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण में रिकॉर्ड
अटल सरकार में शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हिमाचल जैसे कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। वर्तमान सरकार ने पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। जनवरी 2018 से अब तक जयराम ठाकुर सरकार के कार्यकाल में अभी तक, माने सवा चार वर्ष की अवधि में ही, 5 हजार 854 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। यह हिमाचल में अब तक किसी भी सरकार में योजना के तहत बनी सड़कों में सबसे ज्यादा है। पिछली कांग्रेस सरकार में जनवरी 2013 से दिसंबर 2017 तक हिमाचल में 4369 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ। यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि दो वर्ष तक वैश्विक कोविड महमारी से हिमाचल जूझता रहा और पहाड़ों में सड़क निर्माण हमेशा काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की ओर हिमाचल
स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिस तरह हिमाचल प्रदेश में कार्य हो रहा है, उसे देखते हुए लगता है कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश इस क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर देगा। सबसे पहले केंद्र सरकार की योजना की बात करते हैं।
केंद्र सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ शुरू की थी। यह योजना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जब यह योजना लागू की गई थी, तो कांग्रेस व अन्य दलों की कई सरकारों ने इसे अपने राज्य में लागू नहीं किया था। पूरा मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा था। लेकिन हिमाचल प्रदेश अभी तक आयुष्मान भारत योजना के तहत 4 लाख 28 हजार परिवारों को पंजीकृत कर चुका है। योजना के तहत अभी तक 1 लाख 26 हजार मरीजों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है। इस पर 154 करोड़ खर्च हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए इसी तर्ज पर हिमकेयर योजना की शुरूआत की। योजना के तहत हिमाचल में 5 लाख 39 हजार परिवार पंजीकृत हैं। अभी तक 2 लाख 40 हजार मरीजों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है। इस प्रकार डबल इंजन सरकार की दोनों योजनाओं के माध्यम से लोगों के निशुल्क इलाज पर 372 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और इससे 3.66 लाख परिवारों की सीधा लाभ पहुंचा है।
छोटे से पहाड़ी प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज
हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी प्रदेश में 6 मेडिकल कॉलेज हैं। केंद्र सरकार की हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना का लाभ हिमाचल प्रदेश को भी हुआ है। हिमाचल प्रदेश के नाहन, चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अभी तक 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी हो चुकी है। इसके अलावा देश के सर्वोच्च संस्थान में बिलासपुर जिला भी शामिल किया गया है। इसका कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। 4 दिसंबर, 2021 से यहां 18 डढऊ भी कार्यरत हैं।
इसके अलावा 218 करोड़ रुपये की लागत से अटल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल सुपर स्पेशलियटीज चम्याणा, 450 करोड़ की लागत से पीजीआई का सेटेलाइट सेंटर ऊना तैयार हो रहा है। साथ ही हिमाचल प्रदेश को लेवल-1 से लेकर लेवल-3 के कई ट्रॉमा सेंटर भी मिले हैं।
कोविड काल में भी केंद्र के सहयोग में हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी मजबूत हुई हैं। पहले हिमाचल में मात्र 32 वेंटिलेटर उपलब्ध हुआ करते थे। आज यहां 1 हजार से ज्यादा वेंटिलेटर और 5 हजार से ज्यादा आॅक्सीजन कन्सन्ट्रेटर हैं।
सड़क और एयर सर्विस पर काम
हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से नेशनल हाईवे को फोरलेन में बदलने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। हिमाचल प्रदेश एक टूरिज्म बेस्ड स्टेट है। ऐसे में पर्यटन यहां के लिए महत्वपूर्ण है। शिमला और मनाली जैसे स्थलों को फोरलेन से जोड़ने के कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसके अलावा मंडी-पठानकोट फोरलेन पर भी कार्य हो रहा है। इसके अलावा भी बहुत से प्रोजेक्ट हैं जो केंद्र की प्राथमिकता पर हैं।
पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां की सर्पिल सड़कों पर सफर करने में काफी ज्यादा समय लगता है। ऐसे में केंद्र की उड़ान योजना से हिमाचल प्रदेश को काफी लाभ हुआ है। इसमें शिमला, बद्दी और रामपुर और मंडी के कांगणीधार पर हेलीपोर्ट दिए गए हैं। जिनमें अधिकतर पर कार्य पूरा कर लिया गया है।
इसके अलावा भी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनके लाखों लाभार्थी हैं। कोरोना काल में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 30 लाख 7 हजार परिवार लाभार्थी हैं, जिस पर अब तक करीब 762 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हिमाचल प्रदेश मे 3 लाख 11 हजार 140 लाभार्थी हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का 9.37 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है और इस पर अभी तक केंद्र सरकार 1532 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना का लाभ 84 हजार 569 महिलाओं को मिल रहा है, जिस पर केंद्र सरकार 33.37 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
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