राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। प्रदूषण से बेहाल दिल्ली में छठ पूजा से पहले दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना से झाग हटाने के लिए केमिकल का छिटकाव किया जा रहा है। जिसका वीडियो एएनआई ने पोस्ट किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी यमुना नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं।
यमुना में जहरीले रसायन के छिड़काव के बाद भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है. भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यमुना से झाग हटाने के लिए दिल्ली सरकार उसमें खतरनाक केमिकल का छिड़काव कर रही है। वहीं पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यमुना में डुबकी लगाने की चुनौती दे दी है। परवेश साहिब सिंह ने कहा कि गाजीपुर ढलाव घर का दौरा नदी में प्रदूषण के मुद्दे से ध्यान हटाने की एक चाल है।
#WATCH | A team of Delhi Jal Board sprays chemical into Yamuna to dissolve the toxic foam seen on the surface of the river. Visuals from Kalindi Kunj. pic.twitter.com/0y18sFw4Nf
— ANI (@ANI) October 28, 2022
वहीं इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी एनएमसीजी (नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा) की सिफारिश पर यमुना में रसायन का छिड़काव हुआ। इससे यमुना के पानी में आक्सीजन का स्तर बढ़ गया।
बरहाल है यमुना सफाई के दावों की पोल उसमें तैरते झाग ने खोल दी है। आलम ये है कि छठ पर यमुना का रुख करने वाले व्रती नदी के जल का अर्घ्य देना तो दूर उसमें उतरने के लिए जगह तलाश रहे हैं। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा छठ का त्योहार मनाया जाता है। बड़ी संख्या में लोग यमुना के घाटों पर सूर्य को अर्घ देने पहुंचते हैं।
"छठ पूजा मनाने के लिए हमें पानी नहीं दिया जा रहा है , हम छठ कैसे मनाएं ?"
रोते-रोते बोली दिल्ली की जनता !! pic.twitter.com/Xo8CF6Jq4r
— Panchjanya (@epanchjanya) October 29, 2022
वहीं दिल्ली में कई जगह लोगों को छठ पूजा के पानी की व्यवस्था तक नहीं कराई गई। इस बात से व्रती ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि रोने को भी मजबूर हैं। जब वे लोग पानी के इंतजाम के लिए आप विधायक के दफ्तर गए तो वहां से उन्हें दुत्कार कर भगा दिया गया। छठ व्रती तो रो-रो कर अपना दर्द बता रहे हैं। अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बिना पानी के आखिर आस्था के इस पर्व को मनाएं तो मनाएं कैसे।
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