ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में एक नया मोड़ आ गया है। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञानवापी से जुड़े सभी केस की पावर ऑफ अटॉर्नी सौंप दी जाएगी। 15 नवंबर तक विश्व वैदिक संघ की ओर से संचालित सभी केस को लेकर कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी जाएगी।
जितेंद्र सिंह विसेन के अनुसार ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी से जुड़े पांच मुकदमों को विश्व वैदिक सनातन संघ ने दायर किया है। मां गौरी श्रृंगार केस, आदिविशेश्वर विराजमान का मुकदमा प्रमुख हैं। सभी मुकदमों का पावर ऑफ अटॉर्नी सौंपने का निर्णय लिया गया है। इससे जुड़े सभी कानूनी दस्तावेज 15 नवंबर तक तैयार कर लिए जाएंगे। मुकदमे से जुड़े किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति में संपत्ति, चिकित्सा, प्रबंधन संबंधित कार्य को पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त व्यक्ति देख सकता है। संबंधित व्यक्ति के पास कानूनी निर्णय लेने का अधिकार होता है।
ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी के मुकदमे में विश्व वैदिक सनातन संघ ने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं कराए जाने का समर्थन किया था। हिंदू पक्ष की ओर से चार वादिनियों ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसे जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने खारिज कर दिया था।
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