भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय समाचार वेबसाइट द वायर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं। मालवीय ने कहा, “अपने वकीलों से परामर्श करने और उनकी सलाह लेने के बाद मैंने ‘द वायर’ के खिलाफ आपराधिक और दीवानी कार्रवाई करने का फैसला किया है। न केवल मैं आपराधिक प्रक्रिया को बढ़ाऊँगा, बल्कि मैं उन पर दीवानी अदालत में हर्जाना माँगूँगा, क्योंकि उन्होंने मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे।”
द वायर ने मानी अपनी गलती
इतना ही नहीं, उक्त प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद द वायर ने अपनी गलती स्वीकार भी कर ली। मेटा संबंधी प्रकाशन से पूर्व आतंरिक संपादकीय मानकों को पूरा नहीं करती थी, जो कि द वायर ने तय किए थे। द वायर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि हम इस गलती की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं और अपने पाठकों को आश्वस्त करते हैं कि फिर कभी ऐसी त्रुटियों की पुनरावृत्ति नहीं होगी, लेकिन अमित मालवीय पर द वायर द्वारा दिए गए आश्वासनों का कोई असर नहीं पड़ा है। अब वे द वायर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना चुके हैं।
जानिए क्या लगाया था आरोप
द वायर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया था कि अमित मालवीय इतने शक्तिशाली हैं कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट अच्छा न लगने पर उसे तुरंत हटवा सकते हैं। हालाँकि, ‘मेटा’ के कम्युनिकेशंस हेड एंडी स्टोन ने इस पूरी खबर को बनावटी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि बनावटी दस्तावेजों के आधार पर ‘द वायर’ ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। एक अज्ञात सूत्र के आधार पर ‘द वायर’ ने दावा किया था कि अमित मालवीय ने सोशल मीडिया से 705 पोस्ट्स हटवाएँ हैं।
एक्सपर्ट्स के दावे के बाद हटाई स्टोरी
डोमेन एक्सपर्ट्स और इंडिपेंडेंट रिसर्चर ने ‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बाइलान वाली इस स्टोरी को सिरे से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही ये भी बताया कि शायद इस स्टोरी को गढ़ने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है। इस दावे के बाद वायर ने अपने प्लेटफॉर्म से यह स्टोरी हटाई और आंतरिक समीक्षा की बात कहकर अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि मेटा पर की गई उनकी स्टोरी कितनी गलत थी।
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