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उत्तराखंड : केदारनाथ और यमुनोत्री में घोड़ा-खच्चर, हेली और डंडी-कंडी से हुआ 211 करोड़ का कारोबार

मुख्यमंत्री धामी ने कहा- पीएम मोदी के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा से नए उत्तराखण्ड के नए युग की शुरुआत हो चुकी है

by WEB DESK
Oct 27, 2022, 08:06 pm IST
in उत्तराखंड
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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आख़िरी पड़ाव पर है। बाबा केदार के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, इसके अलावा यमनोत्री के कपाट भी विधिविधान से बंद कर दिए गए। इधर सरकार के प्रयासों से कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नज़र आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि पीएम मोदी के  कथनानुसार आने वाला दशक उत्तराखण्ड है उसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यात्रा से स्थानीय लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और आय के श्रोत और बढ़ें, इसके लिए सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की। पिछले दो दशक में यह सबसे अधिक आँकड़ा है वहीं श्री केदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहाँ 15 लाख 36 हजार * तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को भी यात्रा साकार करती है। चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की लाईफ लाईन है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का पुनर्विकास किया जा रहा है।

केदारनाथ में हुआ ₹190 करोड़ से अधिक का कारोबार

इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस- पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने क़रीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।

यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का हुआ 21 करोड़ का कारोबार

इधर यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं , ज़िला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आँकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के उपक्र  गढ़वाल मंडल विकास निगम को भी अनुमानित आय भी ₹50 करोड़ के क़रीब जा पहुंची है जोकि पिछले तीन सालों से घाटे में था।

प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा खर्चे का 5% स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में अब भविष्य को देखते हुए चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

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