बीजिंग स्थित बहुपक्षीय ऋण एजेंसी एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) की बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के रास्ते पर बढ़ रहा है। यही वजह है कि इस पर कोरोना महामारी के नकारात्मक प्रभावों का असर कम हुआ है।
सीतारमण ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एआईआईबी की 7वीं वार्षिक बैठक को सबोधित करते हुए कहा कि एआईआईबी को शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वच्छ ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। एआईआईबी के गवर्नर मंडल की वार्षिक बैठक में सीतारमण ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की राह पर चल पड़ा है। इसलिए कोरोना महामारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सफल रहा है।
वित्त मंत्री ने एआईआईबी के संबंध में कहा कि एजेंसी को प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। इसमें स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता, आपदा का सामना करने वाले बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचा शामिल है। उन्होंने कहा कि अकेले सार्वजनिक संसाधन सदस्य देशों की विशाल अवसंरचना संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए बैंक को न केवल विविध निजी क्षेत्र के संसाधनों को जुटाने में उत्प्रेरक भूमिका निभानी चाहिए, बल्कि अपने स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तंत्र का भी पता लगाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारत एक संस्थापक सदस्य होने के साथ एआईआईबी में दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। एआईआईबी में भारत की 7.65 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि चीन की 26.63 फीसदी हिस्सेदारी है।
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