योगेन्द्र यादव, मेधा पाटकर, महबूबा मुफ्ती, दिग्विजय सिंह जैसे लोग अब भी कहेंगे कि उमर खालिद ‘निर्दोष’ है!

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने उमर खालिद के बारे में कहा है कि उसका नाम दिल्ली दंगों के लिए षड्यंत्र रचने से लेकर उसके परिणामों तक में सामने आ रहा है। न्यायालय की यह टिप्पणी उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो लोग उमर की गिरफ्तारी पर हल्ला मचा रहे थे।

एक बात तो साफ हो गई है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का छात्र रहा उमर खालिद का कृत्य किसी आतंकवादी से कम नहीं है। खालिद आतंकवादियों के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहा था। इसलिए उसके विरुद्ध कार्रवाई हुई और अब वह जेल में बंद है। वह बार—बार जेल से बाहर होने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा रहा है, लेकिन उसके कारनामे ऐसे हैं, कि वह जब भी अदालत से जमानत की गुहार लगाता है, तो उल्टे वह बेनकाब होने लगता है।
बता दें कि उमर खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कई आरोपों का सामना कर रहा है। उस पर दिल्ली में दंगे कराने से लेकर भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने तक के आरोप हैं। निचली अदालत में उसकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद वह दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचा था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने उसकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए जो कहा है, वह बहुत ही गंभीर है। पीठ ने कहा है कि दंगों की पूरी योजना बनाई गई थी। यह योजना बेहद विनाशकारी और खतरनाक थी। न्यायालय ने यह भी कहा कि पहले से तय योजना के अनुसार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रहने वाले लोगों की आवश्यक सेवाओं को बाधित करने और असुविधा पैदा करने के लिए जानबूझकर सड़कों को अवरुद्ध किया गया, ताकि लोगों में दहशत और असुरक्षा की भावना पैदा हो। न्यायालय यहीं नहीं रुका। उसने कहा कि महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। पुलिस का पीछा करना और लोगों को दंगे में शामिल करना पूर्व नियोजित योजना का भाग है। पहली नजर में यह आतंकवादी कृत्य प्रतीत होता है।
इतना सब कुछ होने के बाद जब उमर को पकड़ा गया था, तो अनेक नेताओं ने उसके पक्ष में आवाज उठाई थी। जम्मू—कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उमर को इसलिए पकड़ा गया है कि वह मुसलमान है। वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वे उमर के साथ हैं। अपने को जबरन किसान नेता मानने वाले योगेन्द्र यादव ने उमर के लिए कहा था वह भारत का भविष्य है। कथित सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने तो उमर को बेहतरीन वक्ता और युवा विचारक कहा था।
अब ऐसे लोग कुछ नहीं बोल नहीं रहे हैं, लेकिन देश जानना चाहता है कि आखिर ये लोग किसके इशारे पर एक अपराधी को बचाने के लिए ताबड़तोड़ बयान देने लगते हैं।

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