इस समय रांची जेल में कई ऐसे आरोपी बंद हैं, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी हैं। कहा जा रहा है कि ये लोग जेल नियमावली का पालन नहीं करते हैं और जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर अपने घर वालों और सरकारी अधिकारियों से बात करते हैं। इस संबंध में ईडी ने जेल अधीक्षक से जवाब मांगा है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा एक बार फिर से विवादों में हैं। ये वही पंकज मिश्रा हैं, जिन्हें साहिबगंज में 1,000 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में 19 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। ईडी को बार-बार इस बात की सूचना मिल रही थी कि जेल में रहने के बाद भी पंकज कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर बात करते हैं। यही नहीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले से बचने के लिए अपनी काली कमाई को कर्ज के रूप में दिखाने के लिए दस्तावेज तैयार करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी सूचना के बाद प्रवर्तन निदेशालय पंकज के करीबियों के फोन की निगरानी कर रहा है। इसी क्रम में 20 अक्तूबर को रांची के रिम्स में इलाज करवा रहे पंकज मिश्रा को बातचीत करवाते हुए उनके दो सहयोगी चंदन और सूरज को पकड़ा गया। चंदन पंकज मिश्रा की गाड़ी का चालक है, जबकि सूरज उनका बेहद करीबी है। कहा जा रहा है कि न्यायिक हिरासत में इलाजरत पंकज मिश्रा इन्हीं दो सहयोगियों के माध्यम से कई वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने जब पंकज मिश्रा को पकड़ा था, उस वक्त वे साहिबगंज के किसी बड़े पदाधिकारी से बात कर रहे थे।
पता चला है कि पंकज मिश्रा से बात करने वाले सचिवालय एवं जिला स्तर के दो दर्जन से अधिक पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को प्रवर्तन निदेशालय ने चिन्हित किया है। जल्दी ही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए समन जारी किया जाएगा।
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा की ही ‘सरकार’ चलती है। वहां के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सरकारी अफसर की तरह नहीं, बल्कि पंकज मिश्रा के ‘लठैत’ की तरह काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि तालिबानी शासन की तरह झारखंड सरकार काम कर रही है। उन्होंने मांग की है कि जो भी प्रभावशाली लोग राज्य के कारावासों में बंद हैं, उन्हें दूसरे राज्यों की जेलों में भेज देना चाहिए।
मुख्यमंत्री हेमंत जी, मैं शुरू से आपके संज्ञान में लाता था कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा की सरकार चलती है।
वहाँ का डीसी, एसपी सरकारी अफ़सर की तरह नहीं बल्कि पंकज के लठैत नौकर जैसा काम कर रहा है। समय के साथ इसकी परत तो खुल ही रही है।और धीरज रखिएगा? या इन पर एफ़आइआर कर जेल भेजियेगा?— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 20, 2022
आपको बता दें कि दो दिन पहले भी जेल नियमावली का उल्लंघन करने को लेकर रांची स्थित बिरसा मुंडा कारागार के जेल अधीक्षक को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। पता चला है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जितने भी आरोपी जेल में हैं, उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इन आरोपियों में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल, बच्चू यादव और झारखंड उच्च न्यायालय के वकील राजीव कुमार हैं। ईडी को सूचना मिली है कि ये सभी जेल नियमावली को नहीं मानते हैं और जेल में मोबाइल का प्रयोग करते हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ