पाकिस्तान में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। घरेलू झगड़ों—झंझटों से इतर वहां इस तरह की परिस्थितियां पैदा हो रही हैं जो पूरी दुनिया को खतरे में डाल सकती हैं। दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के परमाणु बम को लेकर कई मौकों पर सावधान भी किया है।
अब ‘ग्लोबल स्ट्रैट व्यू’ ने एक ऐसी रिपोर्ट छापी है जिससे साफ होता है कि गत वर्ष अगस्त माह में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने और काबुल में जिहादी तालिबान के कुर्सी पर बैठने के बाद पैदा हुई परिस्थितियों में दुनिया पर खतरा और ज्यादा मंडराने लगा है। परमाणु हथियारों के और ज्यादा तैनात किए जाने की वजह से इनके गलत हाथों में पड़कर दुरुपयोग की आशंका बढ़ गई है।
इधर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के पाकिस्तान के संदर्भ में आए बयान ने दुनियाभर में एक नई बहस छेड़ दी है। यह बहस चली है परमाणु हमले की आशंकाओं को लेकर। अनेक देशों को लगता है कि पाकिस्तान में परमाणु हथियार जिम्मेदार हाथों में नहीं हैं। ये हथियार जिहादियों के कब्जे में जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने पाकिस्तान को ‘दुनिया का सबसे खतरनाक’ देश कहा था। उनके ऐसे बयान से विश्व में एक खलबली सी मची हुई है। नेताओं के माथे पर शिकन साफ दिखाई दे रही है। लेकिन, उधर पाकिस्तान है जो ऐसी किसी भी बात से इनकार करता आ रहा है। उसने बाइडन की बात को भी सिरे से नकार दिया और इसे गलतफहमी पैदा करने वाला करार दिया है।
ऐसे में एक बार फिर ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट पर गौर करना चाहिए। यह रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान की हुकूमत, पड़ोस में बैठे तालिबान और उससे जुड़े अनेक संगठनों तथा खुद पाकिस्तान के अंदर मौजूद जिहादी गुटों ने परमाणु हथियारों पर खतरा बढ़ा दिया है और इन हथियारों के जिहादियों के हाथों में जाने को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। सब जानते हैं कि पाकिस्तान की सरकार का तालिबान के साथ भीतर ही भीतर गठजोड़ है। इसलिए यह रिपोर्ट सच में एक खतरनाक तस्वीर पेश करती है जिसके बारे में रक्षा विशेषज्ञ पहले से चेताते आ रहे हैं।
टिप्पणियाँ