झारखंड के बड़े शहरों में एक जमशेदपुर के साकची में कुछ मुसलमानों ने एक महिला कॉलेज के सामने कब्रिस्तान में एक इमारत का अवैध निर्माण शुरू कर दिया है। इस महिला कॉलेज में हजारों लड़कियां पढ़ने पढ़ती हैं। अवैध निर्माण की जानकारी सरकार और प्रशासन को भी है, लेकिन सबने चुप्पी साध रखी है। अब इसे लेकर जमशेदपुर के कई हिंदू संगठन और भाजपा के कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इनका कहना है कि यहां पर लव जिहाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सब कराया जा रहा है।
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता यह भी सवाल उठा रहे हैं कि कब्रिस्तान पर किसी तरह का निर्माण गैरकानूनी है और वहां पर निर्माण के लिए नक्शा भी पास नहीं हो सकता है। ऐसे में कब्रिस्तान कमेटी उस जगह पर निर्माण क्यों कर रही है? इतने विरोध के बाद भी कब्रिस्तान कमेटी की ओर से लगातार निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं।
काफी वाद—विवाद के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा और कुछ हिंदू संगठनों की ओर से 17 अक्टूबर को विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया गया, जिसमें 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे।
आपको बता दें कि दो वर्ष पहले साकची में कब्रिस्तान के सामने एक महिला कॉलेज का निर्माण हुआ था। इसको लेकर मुसलमान नाराज थे। कुछ समय बाद उन लोगों ने कॉलेज के सामने कब्रिस्तान के आठ नए गेट बनवाए। कारण बताया गया कि यहां पर दुकानें खोली जाएंगी। इसके बाद छह महीने पहले एक बहुमंजिला इमारत का अवैध निर्माण किया जाने लगा। उस वक्त भी पुरजोर विरोध हुआ था। इसके बाद निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन एक बार फिर से वहां निर्माण होने लगा है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित अग्रवाल के अनुसार यह अवैध निर्माण सिर्फ और सिर्फ लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए कराया जा रहा है। झारखंड में पहले से ही लव जिहाद के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अगर कब्रिस्तान में मदरसे और दुकानें बन जाएंगी तो लव जिहाद को और भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अवैध निर्माण को रोकने के लिए स्थानीय उपायुक्त विजया जाधव को भी ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद भी अगर यह अवैध निर्माण नहीं रुका तो इससे भी अधिक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
बता दें कि 17 अक्तूबर को कब्रिस्तान में अवैध निर्माण का विरोध के साथ ही उपायुक्त कार्यालय के समीप प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में महिला कॉलेज की छात्राएं भी शामिल हुई थीं। इसके बाद 18 अक्तूबर को कब्रिस्तान कमेटी के लगभग 70 लोग महिला कॉलेज में घुसकर हंगामा करने लगे। इन लोगों ने कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाया कि कोई छात्र प्रदर्शन में शामिल न हो, यह सुनिश्चित करें। इसके बाद कॉलेज प्रशासन को भी यह कहना पड़ा कि जो शिक्षक इसमें दोषी पाए जाएंगे उन पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
इन सबके बीच पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव ने अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया है और उसे 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया है। उपायुक्त का कहना है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर किसी भी तरह की कार्रवाई हो पाएगी।
अब सवाल उठता है कि जहां शव दफनाए जाते हैं, वहां किसी इमारत का निर्माण जायज कैसे हो सकता है? इस पर बजरंग दल के जिला संयोजक जनार्दन पांडे कहते हैं कि अगर कोई मामला मुसलमानों से जुड़ा होता है तो वहां पर सरकारी पदाधिकारी मौन धारण कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला कॉलेज के सामने इस तरह की हरकत करना गलत है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले वहां पर एक मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन कॉलेज प्रशासन और कब्रिस्तान कमेटी ने उस मंदिर का निर्माण नहीं होने दिया। अब वहां पर बिना किसी रोक-टोक के मदरसा और दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर प्रशासन जल्दी कोई कदम उठाए, अन्यथा हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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