डबल इंजन वाली बात यह कि इस योजना के आरंभ होने के ठीक पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हेक्टेयर या इससे कम भूमि वाले सभी कृषकों को 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष उनके बैंक खाते में डालना सुनिश्चित कर दिया था।
श्रमिकों के परिवारों के लिए मील का पत्थर बनी श्रमयोगी मानधन योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने 5 मार्च 2019 को मंडी के भ्यूली से किया। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। यह योजना उन सभी श्रमिकों के लिए है, जिनके पास आधार कार्ड, जन धन बैंक खाता या अन्य बैंक खाते हों, उनकी मासिक आय 15 हजार रुपये से कम हो और आयु 18 से 40 वर्ष तक हो। इस योजना के तहत अब तक कुल 44,496 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। डबल इंजन वाली बात यह कि इस योजना के आरंभ होने के ठीक पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हेक्टेयर या इससे कम भूमि वाले सभी कृषकों को 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष उनके बैंक खाते में डालना सुनिश्चित कर दिया था। इस प्रकार समाज के हर क्षेत्र के गरीब-कमजोर लोगों को एक निश्चित आर्थिक लाभ मिलने लगा है। हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषकों के खातों में 30 करोड़ जमा किए जा चुके हैं।
10. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- वर्ष 2016 की खरीफ फसल से लेकर वर्ष 2022 की रबी फसल तक हिमाचल प्रदेश में इस योजना के तहत कुल 12 लाख 41 हजार 891 किसानों को बीमा कवर मिला।
- प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से बीमित व्यक्तियों द्वारा 107.01 करोड़ का प्रीमीयम जमा किया गया।
- 12 लाख 41 हजार 891 में से कुल 3 लाख 82 हजार 777 को इस योजना का लाभ मिला और उन्हें 74 करोड़ 20 लाख रुपये का क्लेम मिला।
- अभी वर्तमान फसल का क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया जारी है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भारत सरकार कृषि मंत्रालय द्वारा 26 फरवरी 2016 हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में ह्यमेरी पॉलिसी, मेरे हाथ एकसाथ लॉन्च की गयी। इस योजना के तहत 82,267 लोगों को कवर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 53475 पॉलिसीज लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी हैं। 28,792 पॉलिसीज वितरित की जानी शेष हैं।
11. जल जीवन मिशन
- 15 अगस्त 2019 को लॉन्च की गई इस स्कीम के तहत वर्ष 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रदेश के चार जिलों (चम्बा, ऊना, लाहौल-स्पीति और किन्नौर) में जल जीवन मिशन का लक्ष्य शत प्रतिशत हासिल किया जा चुका है। इसके तहत 24 ब्लॉक की 2310 ग्राम पंचायतें और 14595 गांव लाभान्वित हुए हैं। ल्ल इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को 2990.10 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 1615 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
12. वित्त आयोगों में हिमाचल प्रदेश के लिए की गई सिफारिश
- प्रदेश में कुल 17.28 लाख परिवार हैं। जल जीवन मिशन से पहले ही 7.63 लाख परिवारों के पास घरेलू पेयजल कनेक्शन था। इसके बाद जल जीवन मिशन के तहत अब तक कुल 8.42 लाख परिवारों को जोड़ा जा चुका है।
अब मात्र 1.12 लाख परिवारों को ही इस योजना से जोड़ा जाना बाकी रह गया है। हिमाचल प्रदेश ने 2022 तक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बनाई है। - भारत सरकार द्वारा चयनित विभिन्न स्वायत्त एजेंसियों द्वारा विभिन्न मानकों पर जांच की गई तो हिमाचल प्रदेश के पेय जल की गुणवत्ता बेहतरीन रही।
- पेय जल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एनएबीएल मान्यता प्राप्त 60 प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। इनमें 14 प्रयोगशालाएं जिला स्तर पर हैं और 45 प्रयोगशालाएं उप-मंडल स्तर पर बनाई गयी हैं।
13. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
- 2017-18 में हिमाचल प्रदेश प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रीन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके सबसे ज्यादा सड़कें बनाने के मामले में हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में टॉप थ्री में रहा।
- 2017-18 में इस योजना के तहत बनाई सड़कों की गुणवत्ता के मामले में भी प्रदेश हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में टॉप थ्री में रहा। ल्ल 2017-18 में इस योजना के तहत लक्ष्य से ज्यादा सड़कें बनाने के मामले में भी हिमाचल प्रदेश हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में टॉप थ्री में रहा।
- 2018-19 में हिमाचल को इस योजना के तहत पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में परिसंपत्ति प्रबंधन के निवेश (……) के मामले में दूसरा स्थान मिला।
- 2018-19 में हिमाचल प्रदेश हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में गुणवत्ता के मामले में प्रथम स्थान पर रहा।
14. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)
- 09 अगस्त 2018 को केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल में एनडीआरएफ बटालियन की स्थापना करने की स्वीकृति दी थी। इसके लिए राज्य सरकार ने मंडी और शिमला को चुना था।
- सुझाए गए चार विकल्पों में से एनडीआरएफ ने मंडी की बल्ह घाटी के बेहना में 30 एकड़ जमीन को उपयुक्त बताया और अतिरिक्त जमीन की मांग की गई। प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध करवाई गई। उपलब्ध जमीन के लिए रोड कनेक्टिविटी की मांग की।
- शिमला जिले की रामपुर तहसील के शिंगला में चिह्नित की गई जमीन को एनडीआरएफ द्वारा उपयुक्त पाया गया। प्रारम्भिक जरूरतों के लिए मांगी गई धनराशि को सम्बंधित विभाग को प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवा दिया गया है।
- स्थायी परिसर के निर्माण होने तक सम्बंधित बटालियन के रहने के लिए एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अस्थाई परिसरों का निर्माण, प्रबंधन किया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न मदों में करोड़ों रुपये जारी किए गए हैं।
- डीसी शिमला और डीसी मंडी द्वारा 01 फरवरी 2021 को एफसीए केस अपलोड किया गया। इसके साथ ही सरकार द्वारा सम्बंधित जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने और सभी हित धारकों के साथ समन्यवय स्थापित करके यथाशीघ्र सभी विवादों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के आदेश दिए गए हैं।
- रामपुर के एफसीए केस के लिए उपायुक्त शिमला को 60,65,362 रुपए दिए गए हैं। शिमला उपायुक्त द्वारा वन विभाग को 18 नवम्बर 2021 को डिपार्टमेंटल चार्जेज के लिए रुपए 8,82,772.00 दिए गए।
- बल्ह घाटी के बेहना का एफसीए केस अभी वन मंत्री के कार्यालय में लम्बित है और सभी हित धारकों से मोल-भाव बात चीत चल रही है।
- दोनों बटालियन के लिए साइट प्लान, मैप व अन्य जरूरी प्लैनिंग के लिए कंसलटेंट को हायर किया जा चुका है।
15. स्मार्ट सिटी धर्मशाला
वित्त वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड को प्राप्ति राशि और व्यय का ब्योरा: केंद्र से प्राप्त राशि: 245 करोड़ रुपये राज्य द्वारा लगाई गई राशि: 47.89 करोड़ रुपये कुल प्राप्त राशि: 292.89 करोड़ रुपये कुल व्यय: 285.46 करोड़ रुपये (97.4 प्रतिशत राशि व्यय की जा चुकी है)
16. स्मार्ट सिटी शिमला
वित्त वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक शिमला स्मार्ट सिटी लिमिटेड को प्राप्ति राशि और व्यय का ब्योरा: केंद्र से प्राप्त राशि: 194 करोड़ रुपये राज्य द्वारा लगाई गई राशि: 189 करोड़ रुपये कुल प्राप्त राशि: 383 करोड़ रुपये कुल व्यय: 253.21 करोड़ रुपये (66.1 प्रतिशत राशि व्यय की जा चुकी है)
17. रेणुका बांध-
- 40 मेगा वॉट राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध परियोजना से हिमाचल प्रदेश के अलावा, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश को लाभ होगा। राजधानी दिल्ली को पीने के लिए 23 क्यूमेक पानी की आपूर्ति होगी। बांध के साथ बनने वाले 40 मेगावॉट के पावर हाउस से हिमाचल प्रदेश प्रतिवर्ष 200 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा।
- 27 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 6647.46 करोड़ की इस परियोजना का शिलान्यास किया।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने योजना के वॉटर कॉम्पोनेंट के लिए 1037.9246 करोड़ रुपये जारी किए।
लाभार्थी राज्य हरियाणा ने अपनी देय हिस्सेदारी (63.5736 करोड़ रुपये में) की पहली किश्त के रूप में जनवरी 2022 में 22.2336 करोड़ रुपये जारी किए है। - दिल्ली भी संतोषजनक हिस्सेदारी दे चुकी है जबकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान ने अभी तक कोई राशि नहीं दी है।
- इस राशि को प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को जमीन के बदले मुआवजा देने और फॉरेस्ट क्लियरेंस (स्टेज 2) के जमा की जाने वाली जरूरी राशि (586.38 करोड़ रुपये) के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में पहले प्राप्त 80% राशि इस्तेमाल होते ही केंद्रीय सहायता के लिए आवेदन भेजा जाएगा।
- अभी हिमाचल सरकार और जल संसाधन विभाग के बीच समझौता हो चुका है।
- सिंगल नोडल एजेंसी बनाकर उसे पब्लिक फंड मॉनीटरिंग सिस्टम से जोड़ दिया गया है।
जारी गतिविधियां
- बांध के लिए डिजाइन कंसल्टेंट हायर करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आखिरी चरण में है।
- मौजूदा सड़कों के सुधार और चौड़ीकरण व नई सड़कों के निर्माण काम जारी है। ल्ल बांध के लिए जरूरी निर्माण सामग्री के लिए माइनिंग लीज बनाने का काम जारी है।
- परियोजना के लिए जरूरी स्थानों के लिए सड़कें बनाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और फॉरेस्ट क्लियरेंस (स्टेज-2) मिलते ही टेंडर अवॉर्ड कर दिए जाएंगे।
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