दुनिया भर के विरोधों को दरकिनार करते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के जिन चार क्षेत्रों को रूस में ‘अपने’ बताते हुए शामिल किया था, उन्हें लेकर सरगर्मियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा समाचार है कि पुतिन ने अब उन चारों क्षेत्रों—दोनेत्स्क, लुहान्स्क, जापोरिज्जिया तथा खेरसॉन—में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। वहां की संसद ने पुतिन के इस निर्णय को आनन—फानन में पारित भी कर दिया है। इस फैसले के बारे में पुतिन का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में रूस के इन चारों इलाकों के साथ ही सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को और ज्यादा शक्तियां देने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि इस ताजा फैसले के साथ ही, रूस के सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को और ज्यादा आपातकालीन शक्तियां दी गई हैं। आज से पुतिन का यह आदेश लागू हो जाएगा। पुतिन ने अपने आदेश के तहत कानून लागू करने वाली सभी एजेंसियों को किसी तरह के खास प्रस्ताव रखने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है।
बता दें कि इस दौरान रूस की सेना ने रूसी कब्जे वाले इलाकों से आम नागरिकों को बाहर कर दिया है। दक्षिणी के खेरसान शहर में यूक्रेन के जवाबी हमले जारी हैं। दो लाख पचास हजार से ज्यादा की आबादी सहित उद्योगों तथा प्रमुख बंदरगाह वाले इस शहर में माना जा रहा है कि यूक्रेन तथा रूस के बीच सर्दियों तक संघर्ष जारी रह सकता है। खबर यह भी है कि खेरसान की लड़ाई में यूक्रेन का पलड़ा फिलहाल भारी दिख रहा है। वहां से लोगों को बड़ी संख्या में निकलते हुए देखा गया है।
इस कदम से ठीक पहले सुरक्षा परिषद की बैठक के शुरू में ही, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि वे रूस की सुरक्षा तथा सुरक्षित भविष्य को पक्का करने हेतु आवश्यक कदम उठा रहे हैं। अपने नागरिकों की रक्षा के लिए अत्यंत कठिन चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने में जुटे हैं।
पुतिन ने इस फैसले को लागू करते हुए कल कहा कि जो लोग आगे की पंक्ति में तैनात हैं अथवा फायरिंग रेंज तथा प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्हें हमारे समर्थन का अहसास होना चाहिए। उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि उनके पीछे हमारा विशाल, महान राष्ट्र खड़ा है और लोग उनके साथ एकजुट हैं।
इधर संभवत: रूस के जले पर नमक छिड़कने की गरज से यूरोपीय संघ द्वारा यूक्रेन के लोगों तथा वहां के जनप्रतिनिधियों को रूस के हमले का विरोध करने के लिए सर्वोच्च मानवाधिकार सम्मान से सम्मानित किया गया है।
ध्यान देने की बात है कि इस बार लगातार दूसरी बार यूरोपीय संघ द्वारा सखारोव सम्मान के माध्यम से रूस को कड़ा संदेश देने का प्रयास दिया है। गत वर्ष भी जेल में कैद रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को यह सम्मान दिया गया था।
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