‘साबरमती संवाद’ में जुटेंगे दिग्गज, गूंजेगा राष्ट्रीय स्वर का निनाद
1948 की मकर संक्रांति को शुरू हुई पाञ्चजन्य साप्ताहिक की यात्रा अपने प्रकाशन के 75वें वर्ष में है। वहीं देश भी अमृत महोत्सव मना रहा है। श्रद्धेय भाऊराव देवरस और पं. दीनदयाल उपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में माननीय अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में पाञ्चजन्य ने अपनी लंबी यात्रा में सदा राष्ट्रीय स्वर का ही निनाद किया है।
पाञ्चजन्य अमदाबाद (गुजरात) में दिनांक 17-18 अक्टूबर, 2022 को साबरमती के किनारे दो दिवसीय ‘साबरमती संवाद’ का आयोजन कर रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस संवाद में कई मंत्री, विद्वान और विषय विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। विभिन्न सत्रों में उनके विचार साबरमती के तट पर गुंजायमान होंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, अखिल भारतीय संगठन मंत्री (भारतीय शिक्षा मंडल) श्री मुकुल कानिटकर, केंद्रीय खेल एवं युवा मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव श्री चम्पत राय, पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला, आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं प्रख्यात अभिनेत्री श्रीमती रूपा गांगुली, रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, गुजरात के गृह राज्यमंत्री श्री हर्ष संघवी, अमूल के प्रबंध निदेशक श्री आरएस सोढ़ी, रामकथा मर्मज्ञ श्री रमेश भाई ओझा, माइक्रोसॉफ्ट भारत के निदेशक श्री बालेंदु शर्मा दाधीच, आंतरिक सुरक्षा मामलों के जानकार श्री विनय कुमार सिंह, भाजपा नेता श्री कपिल मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्री अश्विनी उपाध्याय, सामाजिक कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर विजय पटेल अपने विचार रखेंगे।
अब तक के इस सुदीर्घ सफर में देश के साथ ही, पाञ्चजन्य ने भी कंटकों भरा पथ पार किया है, बाधाओं को साहस से परास्त किया है। अपने स्वरूप, प्रस्तुति, संयोजन में सतत निखार लाते हुए, पाञ्चजन्य ने अपने व्याप को परिश्रमपूर्ण प्रयासों से बढ़ाया है। आज देश के सर्वदूर क्षेत्रों को स्पर्श करते हुए पाञ्चजन्य ने अपना जयघोष सागरपार तक पहुंचाया है। और सिर्फ पत्रिका के रूप में ही नहीं, सोशल मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों में भी साप्ताहिक ने 40 लाख से अधिक पाठकों तक अपनी पहुंच बनाई है। सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर आज पाञ्चजन्य ‘भारत की बात’ सफलता से गुंजा रहा है।
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