प्रदेश में तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति के दबाव में अपराधियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती, नतीजतन राज्य में जिहादियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। मेवात में सबसे ज्यादा प्रताड़ित-पीड़ित अनुसूचित वर्ग है। अनुसूचित वर्ग के लोगों की हत्या, उनकी जमीन पर बलात् कब्जे, महिलाओं से दुष्कर्म, बहन-बेटियों से छेड़खानी मेवात में आम बात है।
राजस्थान के अलवर जिले में पिछले दिनों हुई घटनाओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजधानी जयपुर में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2021 में बलात्कार के कुल 31 हजार 677 मामले दर्ज हुए। यानी प्रतिदिन औसतन 86 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से राजस्थान में सर्वाधिक 6 हजार 337 दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज हुए, यानी रोजाना औसतन 17 दुष्कर्म मामले।
प्रदेश में तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति के दबाव में अपराधियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती, नतीजतन राज्य में जिहादियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। मेवात में सबसे ज्यादा प्रताड़ित-पीड़ित अनुसूचित वर्ग है। अनुसूचित वर्ग के लोगों की हत्या, उनकी जमीन पर बलात् कब्जे, महिलाओं से दुष्कर्म, बहन-बेटियों से छेड़खानी मेवात में आम बात है। दबंग मुस्लिमों के खौफ के आगे कोई भी पीड़ित मुंह खोलने का साहस नहीं कर पाता।
राजधानी जयपुर और अलवर जिले में पिछले दिनों दुष्कर्म, छेड़खानी और एसिड अटैक की घटनाओं ने एक बार फिर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था की पोल खोल दी। मेवात अंचल में अलवर के किशनगढ़बास थाना क्षेत्र में दरिंदों ने आठवीं में पढ़ने वाली एक 16 वर्षीया छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर पैसे वसूलते रहे। जब पैसे नहीं मिले तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
पुलिस थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 9 महीने पहले 8 युवकों ने उसकी अश्लील फोटो होने का झांसा देकर बुलाया और फिर जबरन कपड़े उतरवाकर वीडियो बना लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी देकर सामूहिक दुष्कर्म किया। किशनगढ़बास थानाधिकारी अमित चौधरी ने बताया कि मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार और छह नाबालिगों को निरुद्ध किया गया है। वहीं एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है। सबसे गंभीर बात यह है कि घटना में छह नाबालिग शामिल हैं। पीड़िता और सभी आरोपी एक ही समुदाय विशेष से आते हैं।
मेवात को लेकर पूर्व न्यायाधीश पवन कुमार के नेतृत्व वाली चार सदस्यीय कमेटी ने वर्ष 2020 में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद मेवात एकाएक चर्चा में आया था। रिपोर्ट से पता चलता है कि मुस्लिम बहुल मेवात में किस तरह से हिंदुओं, खासकर अनुसूचित वर्ग के साथ अत्याचार किया जा रहा है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म और जबरन कन्वर्जन की खबरें तो जैसे यहां सामान्य घटना नजर आती हैं, ऐसा लगता है जैसे हम भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान से आ रही खबरों को पढ़ रहे हैं। पवन कुमार ने अपनी जांच में सबसे पहले 48 लोगों को चिन्हित किया। ये 48 लोग वे थे जो मेवात में किसी ना किसी घटना से पीड़ित थे। इन सभी लोगों को पूछताछ करने के लिए बुलाया गया लेकिन दबंग जिहादियों के डर के कारण केवल 19 लोग ही जांच टीम के सामने बयान देने पहुंचे थे। दुख की बात यह है कि अनुसूचित वर्ग के रहनुमा होने का दावा करने वाले बयानवीर तमाम संगठन मेवात के मुद्दे पर अपनी जुबान बंद कर लेते हैं।
वहीं दूसरी घटना भी अलवर के भिवाड़ी के ही शेखपुरा थाना क्षेत्र खिदरपुर गांव की है। यहां एक मुस्लिम युवक नूरदीन ने अनुसूचित वर्ग की छात्राओं से अश्लील हरकतें कीं। आरोपी मदरसे में रहता था। पीड़ित छात्राएं पास के गांव की रहने वाली हैं। घटना छात्राओं के स्कूल से लौटने के दौरान हुई। नूरदीन छात्राओं को बीच रास्ते में रोककर खड़ा हो गया और उनसे संबंध बनाने के लिए कहने लगा। जब छात्राओं ने इसके लिए मना किया तब वह उन्हें कत्ल करने की धमकी देने लगा। उसने जाति सूचक गालियां दीं। नूरदीन ने छात्राओं के सामने कहा अश्लील बातें बोलीं। कुछ ही देर बाद उसने लड़कियों के आगे कपड़े उतार दिए और छेड़छाड़ करने लगा। छात्राएं जैसे-तैसे बचकर डरी-सहमी अपने घर पहुंचीं और परिवार में सारी बातें बताईं।
डर के कारण छात्राओं ने स्कूल जाने से मना कर दिया। बाद में छात्राएं अपने परिजनों के साथ फिर से स्कूल गईं। इसी दौरान छात्राओं ने मदरसे में मौजूद आरोपित नूरदीन को पहचान लिया। छात्राओं के परिजन और ग्रामीणों ने नूरदीन को डांटा तो वह ग्रामीणों से भी झगड़ा करना लगा। मौके पर कई मजहबी उन्मादी नूरदीन के पक्ष में खड़े हो गए। इसके बाद पीड़ित छात्राओं के परिजन शेखपुर थाने पहुंचे और एससी-एसटी एक्ट और पॉक्सो के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करवाया। लेकिन अभी तक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया।
इधर राजधानी जयपुर के सांगानेर सदर थाना क्षेत्र में दो छात्राओं पर एसिड अटैक हुआ। एक बाइक सवार युवक ने दो किलोमीटर की दूरी पर छात्राओं पर अलग-अलग हमला किया। दोनों मामूली तौर पर झुलसी हैं। इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। छात्राएं हमलावर को नहीं पहचानतीं। दोनों ही लड़कियां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।
सांगानेर सदर थाना अधिकारी ब्रजमोहन कविया के मुताबिक ‘दोनों लड़कियां मामूली झुलस गई थीं। वाटिका के निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाकर उन्हें छुट्टी दे दी गई है। बाइक सवार ने हेलमेट नहीं लगा रखा था। दोनों लड़कियां उसे नहीं पहचानतीं। कौन सा एसिड फेंका गया है, यह स्पष्ट नहीं है। बाइक सवार की तलाश कर रहे हैं।’ घटना के चार दिन बाद तक भी पुलिस खाली हाथ थी।
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